आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur ) में पीएचडी के शोधार्थी अंकित यादव (Ankit Yadav) ने सोमवार को आत्महत्या कर ली। उसका शव छात्रावास के कमरे में फंदे से लटका हुआ मिला। कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। संस्थान के सुरक्षाकर्मियों ने दरवाजा तोड़कर उसे बाहर निकाला और संस्थान के अस्पताल ले गए। यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वह प्रो. पारितोष सारथी सुब्रमण्यम के अंडर पीएचडी कर रहे थे।
कमरे के अंदर सुसाइड नोट बरामद हुआ है। इसमें लिखा हुआ था, मैं क्विट कर रहा हूं, यह मेरा अपना निर्णय है। इसमें कोई इन्वॉल्व नहीं है। पुलिस और फोरेंसिक ने जांच कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। शोधार्थी के परिजनों को घटना की जानकारी दे दी गई है।
दिल्ली विश्वविद्यालय से बीएससी, आईआईटी दिल्ली एमएससी से करने के बाद आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur ) में केमिस्ट्री से पीएचडी में दाखिला। यूजीसी की 37 हजार रुपये महीने की फेलोशिप। इतना सबकुछ होने के बाद भी न जाने कौन सी मजबूरी के आगे मेधावी अंकित यादव (Ankit Yadav) ने घुटने टेक दिए। इस घटना के बाद से सभी स्तब्ध हैं।
नोएडा के सेक्टर 71 निवासी 24 वर्षीय अंकित यादव आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur ) से केमिस्ट्री विभाग से पीएचडी कर रहा था। उसने पिछले वर्ष ही दाखिला लिया था। वह संस्थान के हॉस्टल नंबर सात के एच ब्लॉक के कमरा नं. 103 में रह रहा था।

सोमवार की शाम को उसका दरवाजा काफी देर तक बंद था। उसकी एक सहपाठी उससे मिलने के लिए आई। उसने कमरे का दरवाजा खटखटाया, लेकिन खुला नहीं। कई बार खटखटाने के बावजूद अंदर से कोई आवाज नहीं आई। छात्रा ने ब्लाक के अन्य छात्रों को जानकारी दी। उन्होंने सुरक्षाकर्मियों को बुलाया। आखिर में दरवाजा तोड़ा गया तो सबके होश उड़ गए। अंकित यादव फंदे से लटका हुआ था।
आनन फानन उसे संस्थान के स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही कल्याणपुर इंस्पेक्टर सुधीर कुमार, चौकी इंचार्ज अमित कुमार और फोरेंसिक की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
डीसीपी पश्चिम राजेश कुमार सिंह ने बताया कि छात्र ने फंदा लगाकर जान दी है। कमरे के अंदर सुसाइड नोट भी मिला। छात्र के मोबाइल, लैपटॉप और अन्य सामान की जांच कराई जा रही है।
परिजनों को संस्थान की ओर से जानकारी दे दी गई है। उनसे बातचीत की जाएगी। अंकित यादव (Ankit Yadav) पिता रामसूरत यादव हैं जो नोएडा के जागृति अपार्टमेंट में रहते हैं। छात्र ने आत्महत्या क्यों की, इस संबंध में अधिकारी कोई वजह नहीं बता पाए।
आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur ) के डीन स्टूडेंट अफेयर प्रो. प्रतीक सेन ने बताया कि अंकित को यूजीसी की पांच साल की फेलोशिप मिली थी। शुरुआती दो साल के लिए 37 हजार रुपये मासिक और शेष तीन सालों के लिए 41 हजार रुपये मिलते हैं।प्रो. सेन ने कहा कि पीएचडी का जो भी तनाव होता है वह तीन साल के बाद शुरु होता है। शुरुआत में तो पीएचडी कोर्स वर्क किया जाता है, लेकिन नवंबर में कोर्स वर्क खत्म हो गया। फिर एक महीने करीब लैब में रिसर्च किया। जनवरी में पीएचडी का पहला सेमेस्टर शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि अभी तो पढ़ाई शुरू नहीं हुई थी, तो पढ़ाई से तनाव का कोई सवाल ही नहीं।
जानकारी के अनुसार अंकित यादव (Ankit Yadav) को आखिरी बार रविवार रात करीब 10:30 बजे टहलते हुए देखा गया था। प्रो. प्रीतक ने कहा कि उसने न तो कभी कोई काउंसिलिंग सेशन में भाग लिया। न ही उसके डिप्रेशन में होने की बात सामने आई। छात्रों को डबल रूम देने पर मंथन किया गया, ताकि छात्र अकेलापन न महसूस करें। लेकिन हर बार छात्र ही डबल रूम के लिए मना कर देते हैं। निजता की बात कहकर इसे सिंगल ही रखा गया है।
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