दिल्ली ( Delhi ) में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर रेलवे कुप्रबंधन से शनिवार रात मची भगदड़ (Stampede ) में 14 महिलाओं समेत 18 लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह घटना प्लेटफॉर्म 14 और 15 पर रात 10 के करीब हुई। बताया जाता है कि प्लेटफॉर्म पर भीड़ अचानक से बढ़ने से यह हादसा हुआ। इस भीड़ में ज्यादातर लोग महाकुंभ स्नान के लिए जा रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर दुख जताया है। इस हादसे की हाईलेवल जांच के आदेश दिए गए हैं।
सवाल यह उठता है कि रेलवे और रेलवे पुलिस को यह जानकारी कैसे नहीं हो सकी कि रेलवे स्टेशन पर अत्यधिक भीड़ हो चुकी है। लापरवाही का आलम यह भी रहा कि जो लोग इस घटना में घायल हुए थे, उनको अस्पताल पहुंचने में भी काफी देरी हुई, क्योंकि रेलवे स्टेशन पर केवल एक ही एंबुलेंस उपलब्ध थी जबकि इस माहौल में वहां पर एंबुलेंस की संख्या नहीं बढ़ाई गई।
कोई घायलों को ऑटो से लेकर अस्पताल भागा तो कोई वहां अपनी सवारी छोड़ने आए लोगों के निजी वाहनों का सहारा लेकर अस्पताल पहुंचा। हैरानी की बात तो यह है कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी प्रशासन को कोई खबर तक नहीं थी।
स्टेशन पर हालात बेकाबू होने से भगदड़ ( Stampede)और दबकर मौतों के बाद भी रेल अफसर घर से नहीं निकले, बल्कि हादसे को अफवाह बताते रहे। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने भगदड़ से इन्कार किया। उन्होंने कहा, कोई भगदड़ नहीं हुई, यह अफवाह है।, रेलवे के पीआरओ दिलीप कुमार ने कहा कि ‘ज्यादा भीड़ जमा होने की सूचना मिली थी, हालांकि किसी तरह की भगदड़ या किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। अब रेलवे के सीपीआरओ कह रहे हैं कि एक पैसेंजर के फिसलने से भगदड़ मची।यही रेलवे कल रात तक स्टेशन पर भगदड़ होने की बात से भी इनकार कर रहा था।

भारी भीड़ के कारण यात्रियों ने एक-दूसरे को धक्का दे दिया, जिससे कुछ यात्रियों को चोटें आईं। हालांकि, कुछ देर बाद ही दिल्ली उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मौतों की पुष्टि की और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई। हालांकि, बाद में सक्सेना ने ट्वीट बदल दिया।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुए हादसे में घायल हुए यात्री मदद के लिए इधर-उधर भटक रहे थे, तो दूसरी तरफ घायल दर्द से चीख रहे थे। अपनों को अस्पताल पहुंचाने के लिए स्वजन मददगार ढूंढ रहे थे। लेकिन, आलम यह था कि उन्हें न तो मदद के लिए जवान मिल रहे थे और न ही कहीं एंबुलेंस मिली।ऐसे में कोई पैदल तो कोई निजी वाहनों से अपनों को अस्पताल पहुंचाने की कोशिश में जुटा हुआ था। ये हालात तब थे, जबकि प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों को लेकर स्टेशन पर पिछले कुछ दिनों से लगातार भीड़ बढ़ रही थी। लापरवाही का आलम यहां तक था कि भगदड़ ( Stampede)से घायल हुए लोगों को अस्पताल ले जाने के लिए भी कोई इंतजाम नहीं थे, जिससे कई लोग समय पर अस्पताल नहीं पहुंच सके।
प्रशासन भी तब जागा जब लोकनायक अस्पताल में पहुंचने वाले भगदड़ ( Stampede) घायलों में 18 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई। हादसे के कारणों को लेकर जुटाई गई जानकारी में सामने आया है कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन शाम को आठ बजे के बाद प्रयागराज के लिए अधिकतर ट्रेनें रवाना होती हैं।
ये ट्रेन प्लेटफार्म नंबर 12 से लेकर प्लेटफार्म नंबर 16 के बीच के सभी प्लेटफार्म पर से रवाना की जाती हैं। शाम आठ बजे से जब ट्रेन जाने का सिलसिला शुरू होता है, इसके पहले से ही प्लेटफार्म पर भीड़ भी बढ़ने लगती है। रेलवे स्टेशन के जानकारों की मानें तो पिछले कुछ दिनों से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर से प्रयागराज जाने वालों की भीड़ लगातार बढ़ रही है।
शनिवार को भी शाम से ही स्टेशन पर भीड़ लगातार बढ़ रही थी मगर वहां पर न तो रेलवे की तरफ से और न ही रेलवे पुलिस की तरफ से सुरक्षा के कोई इंतजाम किए गए थे। इन प्लेटफार्म पर इक्का-दुक्का ही पुलिस वाले नजर आ रहे थे, जबकि जिस तरह से भीड़ वहां बढ़ रही थी तो हर प्लेटफार्म पर कम से कम 30 से 40 पुलिसकर्मी तैनात होने चाहिए थे, वहीं रेलवे के कर्मचारी भी नदारद थे।
रेलवे पुलिस उपायुक्त केपीएस मल्होत्रा ने बताया है कि महज 15-20 मिनट के भीतर रेलवे स्टेशन पर भीड़ बढ़ गई। इस बीच प्रयागराज जाने के लिए एक विशेष ट्रेन का एलान किया गया। इसी दौरान भीड़ ट्रेन में सवार होने के लिए प्लेटफॉर्म नंबर-14 पर लपकी। मल्होत्रा ने बताया कि प्रयागराज जाने वाली दो ट्रेन पहले से लेट चल रही थी। उनकी भीड़ के अलावा अन्य लोगों की भीड़ रेलवे स्टेशन पर मौजूद थे। इस दौरान एक विशेष ट्रेन की घोषणा हुई और सभी नई ट्रेन में सवार होने के लिए भागे। इसी दौरान हादसा हो गया। जब तक स्थिति को काबू किया गया तब तक कई की जान चली गई थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि प्लेटफॉर्म बदलने से हादसा हुआ।
मृतकों की पूरी लिस्ट
1. आहा देवी (79 वर्ष) पत्नी रविन्दी नाथ निवासी बक्सर, बिहार
2.पूनम देवी (40 वर्ष) पत्नी मेघनाथ निवासी सारण, बिहार
3.ललिता देवी (35 वर्ष) पत्नी संतोष निवासी परना, बिहार
4. सुरुचि पुत्री (11 वर्ष) मनोज शाह निवासी मुजफ्फरपुर, बिहार
5. कृष्णा देवी (40 वर्ष) पत्नी विजय शाह निवासी समस्तीपुर, बिहार
6. विजय साह (15 वर्ष) पुत्र राम सरूप साह निवासी समस्तीपुर, बिहार
7. नीरज (12 वर्ष) पुत्र इंद्रजीत पासवान निवासी वैशाली, बिहार
8. शांति देवी (40 वर्ष) पत्नी राज कुमार मांझी निवासी नवादा, बिहार
9. पूजा कुमार (8 वर्ष) पुत्री राज कुमार मांझी निवासी नवादा, बिहार
10.पिंकी देवी (41 वर्ष) पत्नी उपेन्द्र शर्मा निवासी संगम विहार, दिल्ली
11. शीला देवी (50 वर्ष) पत्नी उमेश गिरी निवासी सरिता विहार, दिल्ली
12. व्योम (25 वर्ष) पुत्र धर्मवीर निवासी बवाना, दिल्ली
13.मनोज (47 वर्ष) पुत्र पंचदेव कुशवाह निवासी नांगलोई, दिल्ली14. पूनम (34 वर्ष) पत्नी वीरेंद्र सिंह निवासी महावीर एन्क्लेव, दिल्ली
15. ममता झा (40 वर्ष) पत्नी विपिन झा निवासी नांगलोई, दिल्ली
16. रिया सिंह (7 वर्ष) पुत्री ओपिल सिंह निवासी सागरपुर, दिल्ली
17. बेबी कुमारी (24 वर्ष) पुत्री प्रभु साह निवासी बिजवासन, दिल्ली
18. संगीता मलिक (34 वर्ष) पत्नी मोहित मलिक निवासी भिवानी, हरियाणा
VIDEO | Visuals of the crowd from New Delhi Railway Station footover bridge, where a stampede occurred last night, killing at least 18 people.
(Full video available on PTI Videos – https://t.co/n147TvqRQz) pic.twitter.com/7eS6JJeTEw
— Press Trust of India (@PTI_News) February 16, 2025