महाकुंभ के समापन पर प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi ) ने ब्लॉग लिखा है। इसका शीर्षक है- ‘एकता का महाकुंभ-युग परिर्वतन की आहट’..। उन्होंने लिखा- एकता का महायज्ञ संपन्न हुआ। जब एक राष्ट्र की चेतना जागृत होती है, जब वो सैकड़ों साल की गुलामी की मानसिकता के सारे बंधनों को तोड़कर नव चैतन्य के साथ हवा में सांस लेने लगता है, तो ऐसा ही दृश्य उपस्थित होता, जैसा हमने महाकुंभ में देखा।
महाकुंभ को ‘एकता का महायज्ञ’ बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi ) ने आज कहा कि भारत को अपनी विरासत पर गर्व है और वह नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन के युग की शुरुआत है जो देश का नया भविष्य लिखने के लिए तैयार है। पीएम मोदी ने कहा कि महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी संख्या में भाग लेना न सिर्फ एक रिकॉर्ड है, बल्कि इसने कई शताब्दियों तक हमारी संस्कृति और विरासत को मजबूत और समृद्ध बनाए रखने की मजबूत नींव भी रखी है।
इतना विशाल आयोजन आसान नहीं था। मां गंगा, यमुना और सरस्वती से प्रार्थना करता हूं कि अगर हमारी आराधना में कुछ कमी रह गई हो तो क्षमा करिएगा। श्रद्धालुओं की सेवा में भी अगर हमसे कुछ कमी रह गई हो, तो जनता का क्षमाप्रार्थी हूं।
पीएम मोदी (PM Modi ) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की। उन्होंने कहा- योगी जी के नेतृत्व में शासन, प्रशासन और जनता ने मिलकर इस एकता के महाकुंभ को सफल बनाया। केंद्र हो या राज्य, यहां ना कोई शासक था, ना कोई प्रशासक था, हर कोई श्रद्धा भाव से भरा सेवक था। आजादी के बाद भारत की इस शक्ति के विराट स्वरूप को अगर हमने जाना होता और इस शक्ति को सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय की ओर मोड़ा होता, तो ये गुलामी के प्रभावों से बाहर निकलते भारत की बहुत बड़ी शक्ति बन जाती, लेकिन हम तब ये नहीं कर पाए। अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मैंने देवभक्ति से देशभक्ति की बात कही थी।
प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान सभी देवी-देवता जुटे, संत-महात्मा जुटे, बाल-वृद्ध जुटे, महिलाएं-युवा जुटे। हमने देश की जागृत चेतना का साक्षात्कार किया। ये महाकुंभ एकता का महाकुंभ था, जहां 140 करोड़ देशवासियों की आस्था एक साथ एक समय में इस एक पर्व से आकर जुड़ गई थी तीर्थराज प्रयाग के इसी क्षेत्र में एकता, समरसता और प्रेम का पवित्र क्षेत्र श्रृंगवेरपुर भी है, जहां प्रभु श्रीराम और निषादराज का मिलन हुआ था। उनके मिलन का वो प्रसंग भी हमारे इतिहास में भक्ति और सद्भाव के संगम की तरह ही है। प्रयागराज का ये तीर्थ आज भी हमें एकता और समरसता की वो प्रेरणा देता है।
बीते 45 दिन, प्रतिदिन मैंने देखा, कैसे देश के कोने-कोने से लाखों-लाख लोग संगम तट की ओर बढ़े जा रहे हैं। संगम पर स्नान की भावनाओं का ज्वार, लगातार बढ़ता ही रहा। हर श्रद्धालु बस एक ही धुन में था- संगम में स्नान। मां गंगा, यमुना, सरस्वती की त्रिवेणी हर श्रद्धालु को उमंग, ऊर्जा और विश्वास के भाव से भर रही थी।
पीएम मोदी (PM Modi ) ने यह भी कहा कि एकता के महाकुंभ को सफल बनाने के लिए देशवासियों के परिश्रम, उनके प्रयास, उनके संकल्प से अभीभूत मैं द्वादश ज्योतिर्लिंग में से प्रथम ज्योतिर्लिंग, श्री सोमनाथ के दर्शन करने जाऊंगा। मैं श्रद्धा रूपी संकल्प पुष्प को समर्पित करते हुए हर भारतीय के लिए प्रार्थना करूंगा। मैं कामना करूंगा कि देशवासियों में एकता की ये अविरल धारा, ऐसे ही बहती रहे।
महाकुंभ संपन्न हुआ…एकता का महायज्ञ संपन्न हुआ। प्रयागराज में एकता के महाकुंभ में पूरे 45 दिनों तक जिस प्रकार 140 करोड़ देशवासियों की आस्था एक साथ, एक समय में इस एक पर्व से आकर जुड़ी, वो अभिभूत करता है! महाकुंभ के पूर्ण होने पर जो विचार मन में आए, उन्हें मैंने कलमबद्ध करने का… pic.twitter.com/TgzdUuzuGI
— Narendra Modi (@narendramodi) February 27, 2025