सीआरपीएफ( CRPF ) ने अपने एक जवान मुनीर अहमद को पाकिस्तानी महिला से अपनी शादी की बात छिपाने के आरोप में सेवा से बर्खास्त कर दिया है, क्योंकि जवान का आचरण राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक पाई गई। जवान मुनीर अहमद की आखिरी तैनाती देश के प्रमुख आंतरिक सुरक्षा बल सीआरपीएफ की 41वीं बटालियन में थी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जवान मुनीर अहमद को उन नियमों के तहत सेवा से बर्खास्त किया गया है, जिसके तहत जांच की जरूरत नहीं होती।
‘मुनीर अहमद को पाकिस्तानी नागरिक से अपनी शादी को छिपाने और जानबूझकर उसके वीजा की वैधता से परे उसे शरण देने के कारण तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। सीआरपीएफ के प्रवक्ता उप महानिरीक्षक (डीआईजी) एम दिनाकरन ने कहा, ‘उनके कार्यों को सेवा आचरण का उल्लंघन और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक पाया गया।’
मुनीर अहमद का परिवार जम्मू-कश्मीर के भलवाल में राब्ता तहसील के पास हंदवाल गांव का रहने वाला है। मीनल मार्च 2025 में शॉर्ट टर्म वीजा पर भारत आई थी। उसने लॉन्ग टर्म वीजा के लिए अप्लाई किया था, जो गृह मंत्रालय में पेंडिंग हैं।कोर्ट के आदेश के बाद मीनल को डिपोर्ट तो नहीं किया गया, लेकिन मामले मीडिया में छाने के बाद सीआरपीएफ( CRPF ) ने इसका संज्ञान लेते हुए मुनीर के खिलाफ एक्शन ले लिया।
मीनल को 30 अप्रैल को पाकिस्तान डिपोर्ट के लिए ले जाया जा रहा था। उस वक्त मीनल ने कहा था- हम सब लोग आतंकवादी हमले की निंदा करते हैं, लेकिन निर्दोष लोगों को सजा देना कहां का न्याय है।
उसने कहा था कि मैंने वीजा बढ़ाने के लिए समय पर आवेदन किया था। हमें बताया गया था कि मंजूरी मिल जाएगी, लेकिन अब हम पति-पत्नी को अलग किया जा रहा है। कई बच्चों को मां-बाप से अलग किया जा रहा है। यह अमानवीय है।मीनल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से न्याय की गुहार भी लगाई थी और कहा था कि आतंकवाद के नाम पर निर्दोष लोगों को सजा देना ठीक नहीं है।