उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ ( Lucknow ) के किसान पथ पर हरिकंशगढ़ी के पास बृहस्पतिवार तड़के चलती स्लीपर बस में आग लग गई। भीषण अग्निकांड में पांच लोग जिंदा जल गए। बस में क्षमता से दोगुणा यात्री सवार थे। सभी बिहार के बेगूसराय से दिल्ली जा रहे थे। मरने वालों में मां-बेटी और सगे भाई बहन भी शामिल हैं। आग लगते ही चालक और परिचालक भाग निकले। मोहनलालगंज थाने में बिहार के सीतामढ़ी निवासी राम बालक ने बस के चालक, परिचालक और ट्रेवेल प्वॉइंट एजेंसी के मालिक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कराया है।
राम बालक के मुताबिक वह पत्नी गुड्डी कुमारी, बेटे देवराज 4 और बेटी साक्षी 2 के साथ बस में सवार हुए थे। बृहस्पतिवार तड़के करीब पौने पांच बजे बस में अचानक आग लग गई। हादसे में देवराज और साक्षी की जलकर मौत हो गई। वहीं, बस में सवार समस्तीपुर निवासी अशोक कुमार महतो की पत्नी लख्खी देवी 60 और बेटी सोनी कुमार 26 भी जल गए, जिनकी मौत हो गई। इसके अलावा बेगूसराय निवासी युवक मधुसूदन कुमार (19) की भी जान चली गई। आग लगते ही बस में चीखपुकार मच गई। लोग खिड़की तोड़कर बाहर निकलने का प्रयास करने लगे।
बस के अंदर भगदड़ मच गई। ड्राइवर और कंडक्टर बस छोड़कर भाग गए। ड्राइवर की सीट के पास एक एक्स्ट्रा सीट लगी थी। ऐसे में यात्रियों को नीचे उतरने में दिक्कत हुई। कई यात्री फंसकर गिर गए। आसपास के लोगों ने लखनऊ ( Lucknow ) पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी। जब तक दमकल की गाड़ियां पहुंचीं, तब तक पूरी बस जल चुकी थी।
उधर, चालक और परिचालक ने लोगों को जगाने का प्रयास भी नहीं किया और बस खड़ी कर भाग निकले। बस में क्षमता से अधिक यात्रियों के सवार होने की वजह से लोगों को बाहर निकलने में परेशानी का सामना करना पड़ा। जान बचाने के लिए लोग एक दूसरे पर चढ़कर भागने की कोशिश करने लगे। इसमें सात लोग घायल हो गए।
यात्रियों ने फायर ब्रिगेड औरलखनऊ ( Lucknow ) पुलिस को मामले की सूचना दी। पुलिस ने वहां पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। हालांकि, आग इतनी भीषण थी कि उसपर काबू पाने में दमकल की चार गाड़ियों को डेढ़ घंटे लग गए। किसी तरह आग पर काबू पाया जा सका, लेकिन तब तक पांच लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई। वहीं, पांच अन्य सवारी झूलस गए। घायल और झूलसे लोगों को ट्रॉमा टू और मोहनलालगंज सीएचसी ले जाया गया। इलाज के बाद सवारियों को दूसरे बस से उनके गंतव्य रवाना कर किया गया।
परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह ने कहा- बस का परमिट 2023 में ही समाप्त हो चुका था। मामले की जांच की जा रही है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, बागपत के ARTO प्रशासन राघवेंद्र सिंह की रिपोर्ट की मानें तो बस की परमिट 16 मई, 2025 तक है। यानी कल तक बस की परमिट है।