Wednesday, May 21, 2025

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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जज जस्टिस डीवी रमण ने रिटायरमेंट से 13 दिन पहले पद छोड़ा,बोले-‘गलत इरादे से हुआ मेरा तबादला’

MP HC judge Justice DV Ramana alleges harassment farewell speech

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ( MP High Court )   के जज जस्टिस डीवी रमण ( Justice DV Ramana )ने अपने अवकाश ग्रहण के दिन बेहद सनसनीखेज आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, मेरा तबादला बुरी नीयत से किया किया गया था। जस्टिस रमण ने दिल की कड़वाहट इन शब्दों में बयां की, ईश्वर न तो क्षमा करता है और न ही भूलता है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की वेबसाइट के अनुसार, न्यायमूर्ति रमण की सेवानिवृत्ति दो जून 2025 को होने वाली थी।

अपने आखिरी कार्यदिवस मंगलवार को अपने विदाई समारोह में स्थिर लेकिन दर्द से भरी हुई आवाज में जस्टिस रमण( Justice DV Ramana ) ने कहा, यह मेरे जीवन का एक उल्लेखनीय दौर था। मुझे बिना किसी स्पष्टीकरण के आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट से मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया। अपनी पत्नी की पैरोक्सिस्मल नॉन-एपिलेप्टिक सीजर्स (पीएनईएस) से लड़ाई और कोविड-19 महामारी के बाद गंभीर मस्तिष्क संबंधी जटिलताओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, मुझसे विकल्प पूछे गए थे। मैंने कर्नाटक को चुना, ताकि मेरी पत्नी को बेहतर इलाज मिल सके। लेकिन एक पति की करुणा से उपजी ईमानदार विनती अनसुनी कर दी गई।

जस्टिस रमण ( Justice DV Ramana )ने कहा, मैंने 19 जुलाई, 2024 को और फिर 28 अगस्त, 2024 को सुप्रीम कोर्ट में औपचारिक अभ्यावेदन प्रस्तुत किए, जिसमें अपनी पत्नी की चिकित्सा स्थिति की गंभीरता को दोहराया था। उन्होंने दुख जताते हुए कहा, लेकिन इन अभ्यावेदनों पर न तो विचार किया गया और न ही इसे अस्वीकार किया गया। पिछले मुख्य न्यायाधीश के कार्यकाल के दौरान की गई एक अन्य अपील भी अनुत्तरित रही। उन्होंने कहा, मुझे कोई जवाब नहीं मिला। मेरे जैसे न्यायाधीश को कम से कम मानवीय दृष्टिकोण की अपेक्षा होती है। मैं निराश और बहुत दुखी हूं।

उन्होंने माना कि वर्तमान मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई शायद अधिक सहानुभूतिपूर्ण होते – लेकिन यह बहुत देर से हुआ क्योंकि मैं पद छोड़ रहा हूं। न्यायमूर्ति रमण ने कहा, तबादला मुझे परेशान करने के गलत इरादे से किया गया था। मुझे पीड़ा हुई क्योंकि स्पष्ट कारणों से मेरे गृह राज्य से मुझे स्थानांतरित किया गया था। उन्होंने अदृश्य शक्तियों का परोक्ष संदर्भ देते हुए कहा। मैं उनके अहंकार को संतुष्ट करके खुश हूं। अब वे सेवानिवृत्त हो चुके हैं। ईश्वर न तो माफ करते हैं और न ही भूलते हैं। वे भी किसी और तरीके से पीड़ित होंगे।

जस्टिस रमण ( Justice DV Ramana )ने कहा कि न्यायिक सेवा में शामिल होने के क्षण से ही, उन्हें षड्यंत्रकारी जांच का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, मेरे परिवार ने चुपचाप सहा है, लेकिन अंततः सत्य की जीत होती है। उन्होंने मार्टिन लूथर किंग जूनियर के शब्दों का हवाला दिया, किसी व्यक्ति को आंकने का पैमाना यह नहीं है कि वह आराम और सुविधा के क्षणों में कहां खड़ा है, बल्कि यह है कि वह चुनौती और विवाद के समय कहां खड़ा है। जस्टिस रमण ने जोर देकर कहा कि उनके जीवन में हर उपलब्धि असफलताओं और कठिनाइयों को सहने के बाद मिली है।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels

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