उत्तराखंड ( Uttarakhand) के रुद्रप्रयाग जिले के केदारनाथ (Kedarnath )क्षेत्र में रविवार को हेलीकॉप्टर( Helicopter) हादसे में सात लोगों की मौत हो गई। इसके बाद चारथाम यात्रा के लिए आर्यन एविशेन की हेलिकॉप्टर सेवाएं पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दी गई हैं। विमानन मंत्रालय ने यह जानकारी दी।हेलिकॉप्टर में सवार सभी यात्री केदारनाथ से दर्शन कर गुप्तकाशी लौट रहे थे।
केदारनाथ से गुप्तकाशी लौट रहा आर्यन हेली एविएशन कंपनी का हेलिकॉप्टर खराब मौसम के कारण विजिबिलिटी कम होने से गौरी माई खर्क में पेड़ से टकराकर क्रैश हो गया। इस हादसे में पायलट सहित सात लोगों की मौत हो गई। जिसके बाद गौरीकुंड के राजस्व उप निरीक्षक ने आर्यन हेली एविएशन कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
विमानन मंत्रालय के अनुसार, हेलिकॉप्टर ( Helicopter) में पांच यात्री, एक शिशु और चालक दल के एक सदस्य सवार थे। मृतकों में राजकुमार जयसवाल, श्रद्धा जयसवाल, काशी जयसवाल, तुष्टि सिंह, विनोद, विक्रम सिंह और कैप्टन राजीव शामिल हैं। शवों के बुरी तरह से जले होने की सूचना है। बताया जा रहा है कि हेलिकॉप्टर गौरी माई खर्क से ऊपर जंगल में गिरा है।
गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने कहा कि जहां हेलिकॉप्टर हादसा हुआ वह सात किलोमीटर का ट्रैकिंग रूट है। हादसे में पायलट चौहान समेत छह लोग सवार थे। यात्रियों में एक बच्चा था, और एक बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति का कर्मचारी था।
मंत्रालय ने बताया कि ट्रांसभारत एविएशन कंपनी के दो हेलिकॉप्टर के पायलटों कैप्टन योगेश ग्रेवाल और कैप्टन जितेन्द्र हरजाई ने खराब मौसम की स्थिति में भी उड़ान भरी थी। इस लापरवाही को देखते हुए इन दोनों पायलटों के लाइसेंस को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है। इन दोनों पायलटों ने हेलिकॉप्टर वीटी-टीबीसी और वीटी-टीबीएफ से उड़ान भरी थी। सुरक्षा के मद्देनजर 15 और 16 जून 2025 को इस क्षेत्र में सभी चार्टर और शटल हेलिकॉप्टर सेवाओं को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।
उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण की सीईओ ने सोनिका ने बताया कि केदारनाथ घाटी में हुई हेलीकॉप्टर( Helicopter) दुर्घटना के बारे में डीजीसीए को अवगत कराया गया है। हादसा किन कारणों से हुआ है, इसकी जांच डीजीसीए करेगा। डीजीसीए ने आर्यन एविएशन की हेली सेवा का संचालन निलंबित करने के साथ ही पायलटों का लाइसेंस में निलंबित किया गया है।