Thursday, June 26, 2025

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Gujarat :गुजरात राज्य सूचना आयोग ने कहा- निजी विश्वविद्यालय सार्वजनिक प्राधिकरण,आरटीआई के दायरे में आएंगे

Gujarat Information Commission

राज्य सूचना आयोग (Gujarat Information Commission) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। आयोग ने प्रोफेसर देवदत्त राणा की अपील पर पारित आदेश में कहा, निजी विश्वविद्यालय भी सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के दायरे में आते हैं क्योंकि ये संस्थाएं ‘लोक या सार्वजनिक प्राधिकरण’ (Public Authority) की श्रेणी में शामिल हैं। प्रोफेसर राणा ने वडोदरा के पारुल विश्वविद्यालय के खिलाफ अपील दायर की थी।

गुजरात राज्य सूचना आयोग (Gujarat Information Commission) ने 16 जून को पारित आदेश में कहा, सरकार को गुजरात प्राइवेट यूनिवर्सिटीज एक्ट, 2009 के तहत स्थापित सभी विश्वविद्यालयों में RTI कानून को लागू कराने की प्रक्रिया शुरू करनी होगी। पारुल विश्वविद्यालय के खिलाफ अपील करने वाले प्रोफेसर देवदत्त राणा अहमदाबाद के एक कॉलेज में पढ़ाते हैं।

राणा ने पिछले साल गुजरात सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया था। पारुल विश्वविद्यालय ने RTI कानून के तहत मांगी गई जानकारी देने से इनकार कर दिया था। विश्वविद्यालय ने तर्क दिया था कि निजी संस्था होने के आधार पर वह RTI अधिनियम के दायरे में नहीं आता। ना ही उसे सरकार से कोई आर्थिक सहायता मिलती है।

पारुल विश्वविद्यालय की इस दलील पर प्रोफेसर राणा ने कहा, पारुल विश्वविद्यालय गुजरात विधानसभा से पारित कानून के आधार पर स्थापित संस्था है। इसलिए संस्था RTI अधिनियम की धारा 2 के तहत ‘लोक या सार्वजनिक प्राधिकरण’ की श्रेणी में आता है।

दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद गुजरात राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त डॉ. सुभाष सोनी ने राणा की दलील को सही ठहराया। उन्होंने साफ किया कि कोई भी संस्था जो संसद या राज्य विधानसभा के कानून के तहत स्थापित होती है, उसे RTI कानून के मुताबिक लोक प्राधिकरण माना जाएगा।

सूचना आयोग ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की वेबसाइट पर प्रकाशित सूचना का हवाला देते हुए कहा, यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार, सभी विश्वविद्यालय और कॉलेज जो संसद या राज्य सरकार की तरफ से बनाए गए कानून के माध्यम से स्थापित हुए हैं, वे सूचना का अधिकार अधिनियम के दायरे में आते हैं। आयोग ने वर्ष 2020 में राज्य शिक्षा विभाग की तरफ से जारी अधिसूचना का भी उल्लेख किया। इसमें संस्था के आरटीआई के दायरे में आने को लेकर भी इसी प्रकार का निर्देश दिया गया था।

गुजरात सूचना आयोग (Gujarat Information Commission) ने पारुल विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को भी निर्देश दिया। अपने आदेश में जीआईसी ने कहा, यूनिवर्सिटी RTI अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने के लिए जरूरी कदम उठाए। जन सूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारी की नियुक्ति की जाए। अधिकारियों की जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भी अपडेट करना का निर्देश दिया गया है। आयोग ने विश्वविद्यालय को आदेश दिया कि वह प्रोफेसर राणा को अपने ऑफ-कैंपस केंद्रों से जुड़ी जानकारी भी उपलब्ध कराए।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels

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