आगरा जिले में अपनी सात साल की बेटी के साथ रेप कर उसकी हत्या करने वाले एक शख्स को कोर्ट ने मौत की सजा दी है। गुरुवार को आगरा में विशेष अदालत ने फांसी की सजा सुनाते हुए इस मामले को ‘रेयरेस्ट ऑफ द रेयर’ केस की संज्ञा दी है। 20 माह तक चले इस मुकदमे के बाद कोर्ट ने बुधवार को आरोपी को मौत की सजा देने का आदेश दिया। इसके अलावा आरोपी पर 2 लाख 35 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
आगरा के एत्मादपुर थाना क्षेत्र में रहने वाले आरोपी शख्स ने 24 अक्टूबर 2017 की रात 2:30 बजे अपनी बेटी के गायब होने की जानकारी दी थी। इस पर जांच करने वाली पुलिस ने पीड़िता का शव बरामद किया था, जिसके बाद आरोपी मौनी ने बेटी की मौत पर मातम करने का नाटक भी किया। बाद में पुलिस की पूछताछ के दौरान मौनी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। अदालत में पेश किए गए साक्ष्य और फरेंसिक रिपोर्ट्स के आधार पर यह सिद्ध हुआ कि नाबालिग बच्ची की हत्या करने से पहले उसके पिता ने ही उसका रेप किया था। इसके बाद विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट बी के जयसवाल ने गुरुवार को इस मुकदमे का निर्णय सुनाते हुए आरोपी पिता को मौत की सजा दी।
पुलिस अधिकारी के अनुसार, 7 वर्षीय बच्ची की गुमशुदगी की सुचना मिलने के आधे घंटे बाद ही उसका शव पास में स्थित सरकारी मॉडल स्कूल के परिसर से नग्न अवस्था में बरामद किया गया। विवेचना के दौरान जब जांच हुई तो बच्ची के पिता मोनी की हरकतें संदिग्ध पाई गईं। आरोप है कि मोनी अपनी पत्नी की मौत के बाद अपनी बेटी से छेड़छाड़ करता था और जब पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
आरोपित पिता ने पुलिस को बताया था कि रात को उसने शराब के चार पौव्वे पी लिए। इसके बाद झोंपड़ी में अपनी सात साल की बेटी और नौ साल के बेटे के साथ एक ही चारपाई पर सो गया। रात डेढ़ बजे उसने बच्ची को बिस्तर पर ही हवस का शिकार बना लिया। उसकी आवाज सुनकर बेटा उठ गया तो उसे सुला दिया। थोड़ी देर बाद फिर उसने बच्ची से दरिंदगी की। इस दौरान उसकी आवाज न निकले इसलिए उसका मुंह भी दबा लिया। अचेत हो जाने पर वह कपड़े पहनकर उसे स्कूल के बरामदे में ले गया। वहां उसे पटककर कपड़े उतारे। इनमें से खून से सनी पजामी झाडिय़ों में फेंक दी और अन्य कपड़े झोंपड़ी में ही डाल दिए। इसके बाद वह सीधा थाने पहुंचा और पुलिस को बताया कि उसकी बेटी को कोई झोंपड़ी से उठाकर ले गया है।