मध्यप्रदेश ( Madhya Pradesh ) के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ( Mohan Yadav) ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपति पद का हिंदी नाम ‘‘कुलपति’’ से बदलकर ‘‘कुलगुरु’’ (kulguru) करने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग ने कुलपति का नाम हिंदी में बदलने के प्रस्ताव पर चर्चा की है। उन्होंने कहा कि नाम बदलने का प्रस्ताव जल्द ही मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली मंत्रिपरिषद की बैठक में पेश किया जाएगा यदि इसे मंजूरी मिल जाती है तो प्रस्ताव को लागू किया जाएगा।
प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव इंदौर पहुंचे थे,यहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि लगातार कुलपतियों के ज्ञापन मिल रहे थे, जिसमें कुलपति नाम बदलकर कुलगुरु (kulguru) करने की मांग की जा रही थी।ऐसे में अब यह फैसला किया गया है कि जिस तरह से महाराष्ट्र और दक्षिण के राज्यों में कुलगुरु के नाम की परंपरा का चलन है, उसी तरह से अब मध्य प्रदेश में भी इसे लागू किया जाएगा।
यादव ने पत्रकारों के साथ संवाद के दौरान कहा कि पहले जिला कलेक्टर को हिंदी में जिलाधीश कहा जाता था। इसे बदला गया क्योंकि जिलाधीश शब्द एक राजा की तरह लगता था। उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम कुलगुरु (kulguru)कहते हैं तो यहकुलपति ( Vice-Chancellor )से अधिक अपना लगता है।’’
यादव ने यह भी बताया कि केंद्र की नई शिक्षा नीति के अनुसार उनके विभाग द्वारा ‘‘नई नीति के तहत हमारी उच्च शिक्षा प्रणाली को आगे बढ़ाने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण’’ के तहत 131 पाठ्यक्रमों को लागू किया जाएगा।
इससे पहले मध्य प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा मंत्री के प्रस्ताव पर मेडिकल की पढ़ाई पढ़ रहे छात्र-छात्राओं के लिए आरएसएस संस्थापक डॉ. हेडगेवार, जनसंघ संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय, डॉ. भीम राव आंबेडकर, स्वामी विवेकानंद के विचारों को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया था।
कुलपति की तुलना में कुलगुरु लोगों के गले ज़्यादा उतरता है। कुलपतियों से आग्रह है कि इस नाम पर विचार करना चाहिए। विभाग ने विचार किया है और इसमें आगे बढ़ रहे हैं। ये विषय कैबिनेट तक जाएगा। सबकी स्वीकृति मिली तो ये नाम लागू हो जाएगा: मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव pic.twitter.com/XOXGy8Zpb8
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 6, 2021