उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के आगरा (Agra) में सिकंदरा के द्वारिका कुंज में प्रॉपर्टी डीलर (Property Dealer ) महावीर सिंह (50) का शव घर में फंदे पर लटका मिला। पुलिस का कहना है कि उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या (suicide ) की है। छह पेज का सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें 16.50 लाख रुपये की धोखाधड़ी सहित अन्य बातें लिखी हैं। तीन लोगों को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है। इन लोगों पर रकम हड़पने का आरोप है।
परिजनों ने पुलिस को बताया कि प्रॉपर्टी डीलर (Property Dealer ) महावीर सिंह जमीनों की खरीद-फरोख्त के साथ भवन निर्माण का ठेका भी लेते थे। उनकी ससुराल बमरौली कटारा में है। यहां पर भागवत कथा चल रही थी। इसमें दो दिन से पत्नी गुड़िया देवी, बेटा रवि, बहू और नातियों के साथ गए हुए थे। बृहस्पतिवार शाम को रवि ने पिता से बात की। उन्होंने दूसरे दिन भागवत कथा के संपन्न होने पर भंडारे में आने की बात कही थी। इसके बाद उनका फोन नहीं उठा।
प्रॉपर्टी डीलर (Property Dealer ) महावीर सिंह का शुक्रवार सुबह भी फोन नहीं उठने पर परिजनों ने पड़ोसी को घर पर भेजा। उन्होंने काफी देर तक कमरे का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। इस पर उन्होंने खिड़की से देखा तो शव फंदे पर लटका हुआ था। इसकी सूचना पुलिस को दी। थाना सिकंदरा के प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि कमरे का दरवाजा तोड़कर खोला गया। महावीर सिंह का शव पंखे से बंधे फंदे पर लटका हुआ था। कमरे की तलाशी में पुलिस को डायरी के छह पन्ने मिले। इसमें आत्महत्या की वजह लिखी हुई थी। यह थाना सिकंदरा को संबोधित किए गए थे।
पुलिस ने बताया कि छह पेज का सुसाइड नोट मिला है। एक पेज पर लिखा है कि गौतम यादव को 16.50 लाख रुपये दिए थे। सुनील इसकी गवाही देगा। गौतम ने घर को बर्बाद कर दिया। दूसरे पेज पर लिखा कि मैं घूरेलाल, धीरज यादव और गौतम यादव की वजह से आत्महत्या कर रहा हूं। अगर, इन तीन लोगों से मेरे मरने के बाद भी पैसा नहीं मिला तो मेरा परिवार भी खतरे में है। कृपया करके मेरा पैसा दिलवा देना सो मेरा परिवार जी सके। तीसरे पेेज पर लिखा है कि मैंने अपनी पत्नी का प्लाट गिरवीं रखा। इन्होंने मेरे से पैसे भी ले लिए। इसके बाद प्लाट किसी और बेच दिया। रुपये मांगने पर नहीं दिए। दो और पेज पर आत्महत्या की वजह लिखी है। पेजों पर नीचे महावीर सिंह लिखा हुआ है।
एक और पेज पर लिखा है कि गुड़िया तुमने मेरा बहुत साथ दिया। मगर, मैं तुम्हारा साथ नहीं दे पाया। यह मकान बेच देना। अपनी और बच्चों की देखभाल करना। मैं आपको बीच में छोड़कर जा रहा हूं। इसलिए मुझे माफ करना। तन्नू, केशव, सुनीता और रवि इन सब का ख्याल रखना।