पुराने संसद भवन( Old Parliament Building ) में सोमवार को संसद की कार्यवाही का आखिरी दिन था । प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi ) ने पुराने संसद भवन में 50 मिनट की आखिरी स्पीच दी। मंगलवार यानी 19 सितंबर से संसद की कार्यवाही नई पार्लियामेंट बिल्डिंग में होगी।
पीएम मोदी (PM Modi ) ने इस दौरान संसदीय यात्रा की शुरुआत, उपलब्धियां, अनुभव, स्मृतियां और उनसे मिली सीख के मुद्दे पर बोलते हुए संसद से जुड़ी यादें साझा कीं। इतना ही नहीं पीएम ने पुराने संसद भवन की कई यादों के अलावा इसमें पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान के बारे में भी बात की।
पीएम ने इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्रियों को याद करते हुए कहा- ये वो सदन है जहां पंडित नेहरू का स्ट्रोक ऑफ मिडनाइट की गूंज हम सबको प्रेरित करती है। इंदिरा गांधी के नेतृत्व में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम का आंदोलन भी इसी सदन ने देखा था।हमारी संसद ने इमरजेंसी के रूप में लोकतंत्र पर हमला देखा है, तो और सशक्त होकर उसकी वापसी भी देखी है।
पीएम मोदी (PM Modi ) ने इस दौरान विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा- बहुत सी बातें ऐसी थी जो सदन में हर किसी की तालियों की हकदार थी, लेकिन शायद उसमें भी राजनीति आगे आ गई। नेहरू जी का गुणगान अगर इस सदन में होगा, तो कौन सदस्य होगा जो उस पर ताली नहीं बजाएगा। शास्त्री जी ने 65 के युद्ध में देश के सैनिकों का हौसला इसी सदन से बढ़ाया था। वहीं इंदिरा गांधी ने इसी सदन से बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के आंदोलन का नेतृत्व किया।
उन्होंने कहा, ‘हमारे देश ने वीपी सिंह जी, चंद्रशेखर जी के नेतृत्व में गठबंधनों की सरकारें देखीं। देश जब आर्थिक बोझ के तले दबा हुआ था, तब नरसिम्हा राव जी की सरकार थी, जिन्होंने हिम्मत के साथ पुरानी आर्थिक नीतियों को छोड़कर नई राह पकड़ने का फैसला किया था, जिसके आज देश को परिणाम देखने को मिल रहे हैं। ‘सदन ने कैश फॉर वोट और 370 को भी हटते देखा है। वन नेशन वन टैक्स, जीएसटी, वन रैंक वन पेंशन, गरीबों के लिए 10% आरक्षण भी इसी सदन ने दिया।
केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। स्पेशल सत्र में पांच बैठकें होंगी। इस दौरान चार बिल पेश किए जाएंगे। उधर विपक्षी पार्टियों ने सरकार से सवाल-जवाब करने के लिए 9 मुद्दों की लिस्ट तैयार की है। विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A से 24 पार्टियां इस सेशन में हिस्सा लेंगी।
पीएम मोदी (PM Modi ) ने पहली बार संसद में प्रवेश करने की यादों को ताजा करते हुए कहा- पहली बार एक सांसद के रूप में इस भवन में मैंने प्रवेश किया तो सहज रूप से मैंने संसद भवन की चौखट पर अपना शीश झुका दिया। इस लोकतंत्र के मंदिर को श्रद्धाभाव से नमन करने के बाद मैंने अंदर पैर रखा। मैं कल्पना नहीं कर सकता, लेकिन भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि रेलवे प्लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला एक बच्चा पार्लियामेंट पहुंचता है। मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि देश मुझे इतना सम्मान देगा।’
पीएम ने कहा- इस सदन ( Old Parliament Building ) से विदाई लेना एक बेहद भावुक पल है, परिवार भी अगर पुराना घर छोड़कर नए घर जाता है तो बहुत सारी यादें उसे कुछ पल के लिए झकझोर देती हैं। हम इस सदन को छोड़कर जा रहे हैं, तो हमारा मन मस्तिष्क भी उन भावनाओं से भरा हुआ है और अनेक यादों से भरा हुआ है। उत्सव-उमंग, खट्टे-मीठे पल, नोक-झोंक इन यादों के साथ जुड़ा है।
पंडित नेहरू, शास्त्री से लेकर अटल, मनमोहन सिंह तक कई नाम हैं जिन्होंने इस सदन का नेतृत्व किया। सदन के माध्यम से देश को दिशा दी है। देश को नए रंग रूप में ढालने के लिए उन्होंने परिश्रम किया है, पुरुषार्थ किया है। आज उन सबका गौरवगान करने का अवसर है। सरदार वल्लभ भाई पटेल, लोहिया, चंद्रशेखर, आडवाणी न जाने अनगिनत नाम जिन्होंने हमारे इस सदन को समृद्ध करने में, चर्चाओं को समृद्ध करने का काम किया है।
हमारी संसद ने इमरजेंसी के रूप में लोकतंत्र पर हमला देखा है, तो और सशक्त होकर उसकी वापसी भी देखी है। pic.twitter.com/irk8XvDSL3
— Narendra Modi (@narendramodi) September 18, 2023