उत्तर प्रदेश के मेरठ ( Meerut) में मंगलवार सुबह साबुन फैक्ट्री में बम धमाके जैसे 2 विस्फोट हुए। ये धमाके 30 मिनट के अंदर हुए। इसमें 5 लोगों की मौत हो गई। 10 मजदूर मलबे में दब गए। कई की हालत गंभीर है। ब्लास्ट इतना तेज था कि दो मंजिला फैक्ट्री ताश के पत्तों की तरह धराशायी हो गई। आसपास के 4 मकान क्षतिग्रस्त हो गए। पूरे इलाके में धुएं का गुबार छा गया। मौके से आतिशबाजी और उसे बनाने का सामान मिला है। मालिक फरार है।
मेरठ ( Meerut) शहर के लोहिया नगर में बिल्डिंग में साबुन फैक्ट्री है। मंगलवार सुबह यहां 14 मजदूर काम कर रहे थे। विस्फोट की सूचना पर पहुंची पुलिस, फायर ब्रिगेड की टीम और आस-पास के लोगों ने मलबे में दबे लोगों को निकालना शुरू किया। विस्फोट इतना भयावह था कि कई मजदूर कई मीटर दूर जाकर गिरे। उनका पूरा शरीर जल गया था। झुलसी हुई लाशें भी इधर-उधर बिखरी थीं।
साबुन फैक्ट्री में बड़ी संख्या में आतिशबाजी, प्लास्टिक शेल्स मिले हैं। आशंका है कि आतिशबाजी के चलते ही पूरा विस्फोट हुआ है। DM दीपक मीणा ने बताया कि 10 लोग घायल हैं। NDRF की टीमें मौके पर रेस्क्यू कर रहीं है। फैक्ट्री अवैध थी या सही। विस्फोट क्यों हुआ? इनकी जांच की जा रही है। सीएम योगी ने लिया घटना का संज्ञान लिया है।
फैक्ट्री में ब्लास्ट इतना तेज था कि आसपास के 4 मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए। सुबह जिस वक्त ब्लास्ट हुआ उस वक्त ज्यादातर लोग सो रहे थे। तेज आवाज और कंपन्न से लोगों को लगा कि भूकंप आया है। आसपास के लोग उठकर घर के बाहर भागे तो देखा फैक्ट्री में धमाका हुआ था। पूरी दो मंजिला इमारत ढह गई। धुआं उठ रहा था। धमाके के बाद आस-पास के मकानों में दरारें आ गईं। एक मकान की क्षत टूटकर टेढ़ी हो गई।
धमाके से 33 केवी की लाइन के खंभे भी टूट गए। सड़क पर जा रहे कई लोग घायल हो गए। पास में ही सत्यकाम स्कूल भी है। उसके भी शीशे टूट गए। गनीमत रही कि बच्चे स्कूल में नहीं थे। यहां जिस बिल्डिंग में धमाका हुआ। जब लोग करीब पहुंचे तो वहां मजदूर तड़पते हुए मिले। कुछ बेसुध थे। जिन्हें रेस्क्यू करके अस्पताल भिजवाया गया।
पुलिस के मुताबिक, नौचंदी थाना क्षेत्र के रहने वाले संजय गुप्ता का लोहिया नगर में दो मंजिला भवन है। बताया जाता है कि संजय गुप्ता ने भवन का ग्राउंड फ्लोर आलोक रस्तोगी को किराए पर दिया हुआ था, जिसमें वह साबुन फैक्टरी चला रहा था। कुछ दिन पहले ही भवन का फर्स्ट फ्लोर जागृति विहार निवासी गौरव भाटिया ने प्लास्टिक पार्ट की फैक्टरी लगाने के लिए किराए पर लिया था।
क्षेत्रवासियों के मुताबिक, सुबह लगभग 7:00 बजे तेज धमाके के साथ यह बिल्डिंग धराशायी हो गई। धमाका इतना जबरदस्त था कि आसपास की कई बिल्डिंगों में दरारें आ गईं। वहीं, निकट स्थित एक दूसरी बिल्डिंग की पहली मंजिल की छत भी गिर गई।
जिस मकान में फैक्टरी संचालित थी सत्यकाम स्कूल के पास ही है। विस्फोट स्कूल के समय से पहले हुआ अन्यथा बड़ा नुकसान हो सकता था। विस्फोट से तीन मकान गिरने के साथ दूरदराज के मकान भी हिल गए। सत्यकाम स्कूल के अलावा आसपास के कई मकानों के शीशे टूट गए।
विस्फोट के कारण इलाके में भगदड़ मच गई। कुछ हादसा समझकर बाहर निकले तो कुछ इसे भूकंप समझने लगे। मौक पर पहुंचने पर लोगों को जानकारी हुई। घटना की सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कराया और मलबा हटाकर नीचे दबे तकरीबन दस लोगों को मेडिकल भेजा।
पुलिस प्रशासन का मानना है कि धमाका कंप्रेशर फटने अथवा केमिकल रिएक्शन होने या फिर किसी गैस सिलेंडर फटने के कारण हुआ है। इसकी जांच कराई जा रही है। वहीं एटीएस भी मौके पर पहुंचकर जांच कर रही है।
घनी आबादी वह सत्यकाम इंटर कॉलेज के पास में इतनी बड़ी केमिकल फैक्टरी बिना अनुमति के ही चल रही थी। फैक्टरी में विद्युत विभाग द्वारा कनेक्शन दिया गया था। इसकी कैसे अनुमति मिली? किसने अनुमति दी? कौन से विभाग की अनुमति थी? यह सब जांच का विषय है।
आईजी, डीएम, एसएसपी और एटीएस की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की। ऊर्जा राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर ने घटना के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने को कहा। पटाका फैक्टरी संचालक के फरार होने के कारण मृतकों के नाम-पते की जानकारी नहीं हो सकी है। सभी मृतक बिहार के भोजपुर इलाके रहने वाले बताए जा रहे हैं।