बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ( Mayawati ) ने भतीजे आकाश आनंद (Akash Anand )को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है। पार्टी पदाधिकारियों की बैठक के दौरान मायावती ने यह ऐलान कर हर किसी को हैरान कर दिया। अब पार्टी की कमान आकाश आनंद संभालेंगे। इस घोषणा के बाद संगठन में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
बसपा सुप्रीमो मायावती ( Mayawati ) (67) ने अपने भतीजे आकाश आनंद (Akash Anand ) को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है। यानी पार्टी की कमान आकाश के हाथों में होगी। रविवार 10 दिसंबर को डेढ़ घंटे चली मीटिंग के बाद मायावती ने इस फैसले का ऐलान किया। आकाश, मायावती के छोटे भाई के बेटे हैं और फिलहाल पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर हैें।
लखनऊ में बसपा प्रमुख मायावती ने छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत पांच राज्यों के चुनाव परिणाम के बाद पदाधिकारियों के साथ बैठक बुलाई थी। मायावती के साथ उनकी गाड़ी में आकाश आनंद भी दफ्तर पहुंचे। इसमें 28 राज्यों से पदाधिकारी शामिल हुए।
पदाधिकारियों ने आगामी लोकसभा 2024 के चुनाव को लेकर अब तक किए गए कामों की रिपोर्ट पेश की। बसपा प्रमुख ने पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर से लेकर प्रदेश के कोऑर्डिनेटरों से लोकसभा की तैयारी की रिपोर्ट मांगी थी।
आकाश आनंद (Akash Anand ) बुआ मायावती के साथ पहली बार 2017 में सहारनपुर में नजर आए थे। मायावती ने रैली में उनका परिचय कराया था।आकाश ने लंदन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) की पढ़ाई की है। मायावती उन्हें वर्ष 2017 में राजनीति में लेकर आईं। परिवारवाद के खिलाफ हमेशा बात करने वाली मायावती ने कभी अपने भाई आनंद कुमार को तरजीह नहीं दी। लेकिन, विरासत की राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद को आगे किया। मायावती ने 2017 में हुई सहारनपुर की रैली में आकाश आनंद को अपने साथ मंच पर लाया था। इसे आकाश आनंद की पॉलिटिकल लॉन्चिंग मंच भी कहा जाता है। इसके बाद से ही उन्हें मायावती के उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जाने लगा। आखिरकार, रविवार को उन्होंने इस संबंध में बड़ी घोषणा कर दी।
मायावती ने पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक के दौरान अपने उत्तराधिकारी के संबंध में फैसला लिया। दरअसल, राजनीतिक महकमे में लगातार इन दिनों मायावती की सक्रियता को लेकर सवाल उठता रहा है। वे पहले की तरह चुनावी सभाओं में मौजूदगी नहीं दिखा पाती हैं। ऐसे में आकाश आनंद जैसे युवा चेहरे के पीछे खड़े होकर मायावती एक बार फिर बसपा को बहुजन समाज के बीच स्थापित करने की कोशिश कर सकती हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में बसपा ने एक बार फिर अपनी ताकत बढ़ाने की कोशिश करती दिख रही है।
यूपी में पार्टी को विधानसभा चुनाव 2022 में बड़ी सफलता नहीं मिली। हालांकि, 2014 के लोकसभा चुनाव में शून्य पर सिमटने वाली बसपा ने 2019 में सपा के साथ गठबंधन कर 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी। पार्टी 2019 से अधिक सफलता के लिए आकाश आनंद (Akash Anand ) पर दांव लगाती दिख रही है।
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— Mayawati (@Mayawati) December 10, 2023