छत्तीसगढ़(Chhattisgarh) में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर बना सस्पेंस खत्म हो गया है। विष्णुदेव साय ( Vishnu Deo Sai ) को राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया है। विधायक दल का नेता चुनने के लिए भारतीय जनता पार्टी के नवनिर्वाचित 54 विधायकों की रविवार को रायपुर स्थित भाजपा कार्यालय में अहम बैठक हुई। बैठक में विष्णुदेव साय के नाम पर मुहर लगाई गई। राजनीति में विष्णुदेव साय साफ-सुथरी छवि और लंबी राजनीतिक पारी खेलने वाले बड़े आदिवासी चेहरा हैं।
मुख्यमंत्री बनने के बाद विष्णुदेव साय( Vishnu Deo Sai ) ने कहा कि, आज छत्तीसगढ़ विधायक दल की बैठक में सर्व सहमति से अपना नेता चुना है।सबसे पहले मैं बीजेपी को धन्यवाद देता हूं। मैं मोदी की गारंटी को पूरा करने का शत प्रतिशत काम करूंगा। 18 लाख आवास का काम सबसे पहले करूंगा। 25 दिसंबर को किसानों को 2 साल का बकाया बोनस भी दिया जाएगा।
विष्णु देव साय ( Vishnu Deo Sai ) का नाम फाइनल होने के बाद उनके चाहने वाले जश्न मना रहे हैं। कार्यकर्ता समेत नेता ढोल की धुन में झूमते नजर आए हैं। बाजे-गाजे के साथ पटाके फोड़कर कुशाभाऊ ठाकरे परिसर के बाहर जमकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया। साय के छत्तीसगढ़ के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री होंगे।
विधायक दल की बैठक में पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह भी शामिल हुए। रमन सिंह सीएम की रेस में एक प्रबल दावेदार के रूप में पहले नंबर पर थे। विधायक दल की बैठक में शामिल होने से पहले रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में डिप्टी सीएम भी बनेंगे। उनके इस बयान से साफ हो गया है कि राज्य में मुख्यमंत्री के ऐलान के साथ डिप्टी सीएम का भी ऐलान होगा। पार्टी से जुड़े नेताओं का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने मुख्यमंत्री पद के लिए विष्णुदेव साय ( Vishnu Deo Sai ) के नाम का प्रस्ताव रखा था। वहीं, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल ने उनका समर्थन किया।
विष्णुदेव साय के नाम को बंद लिफाफे में लेकर पर्यवेक्षक झारखंड के पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और दुष्यंत कुमार गौतम आए थे। साय ने कुनकुरी विधानसभा सीट से चुनाव जीता है। चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जनता से कहा था- आप इन्हें विधायक बनाओ, हम बड़ा आदमी बना देंगे।बता दें कि इस विधानसभा चुनाव में भाजपा को आदिवासी क्षेत्रों में अब तक की सबसे बड़ी जीत मिली है।
साय ने राजभवन पहुंचकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। इसके बाद वे अस्थाई मुख्यमंत्री निवास पहुना पहुंच गए हैं। बड़ी घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि, दो साल का बकाया धान का बोनस 25 दिसंबर को देंगे।
सूत्रों के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह विधानसभा अध्यक्ष हो सकते हैं। वहीं छत्तीसगढ़ में 2 डिप्टी सीएम होंगे। इनमें अरुण साव और विजय शर्मा को उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। दोनों ही नेता पहली बार ही विधायक बने हैं। विजय शर्मा जहां पहली बार चुनाव जीतकर निर्वाचित हुए हैं वहीं अरुण साव सांसद रह चुके हैं।
भाजपा ने छत्तीसगढ़ में मिली ऐतिहासिक जीत में आदिवासी बहुल क्षेत्र सरगुजा और बस्तर संभागों में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। पार्टी ने सरगुजा की सभी 14 सीटों व बस्तर संभाग की 12 में से 8 सीटों पर कब्जा किया है। ऐसे में लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ने आदिवासी कार्ड खेला है।
छत्तीसगढ़ में हमेशा से स्थानीय और आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग होती रही है। प्रदेश की सियासत में विष्णुदेव साय ( Vishnu Deo Sai ) रमन सिंह के खेमे के ही माने जाते हैं। साय को संघ का करीबी भी कहा जाता है। उनको करीब 35 साल का राजनीतिक और प्रदेश अध्यक्ष रहते संगठन चलाने का अनुभव भी है।
विष्णुदेव साय ( Vishnu Deo Sai ) का जन्म 21 फरवरी 1964 को जशपुर के ग्राम बगिया में स्व. रामप्रसाद साय और जसमनी देवी के घर हुआ था। पूर्व सीएम भूपेश बघेल से वे 3 साल छोटे हैं। किसान परिवार से आने वाले साय ने लंबा राजनीतिक सफर तय कर ऊंचा मुकाम हासिल किया। प्रदेश और देश की राजनीति में सक्रिय रहे।
विष्णुदेव साय की प्रारंभिक शिक्षा कुनकुरी में ही हुई। इसके बाद उन्होंने वहीं से 12वीं तक की पढ़ाई की, लेकिन फिर उनका स्कूल छूट गया। पिता के साथ खेती-किसानी में हाथ बंटाने वाले साय ने 25 साल की उम्र में राजनीति में कदम रखा। उनके परिवार के अन्य लोग शुरू से ही जनसंघ से जुड़ रहे।
विष्णुदेव साय ( Vishnu Deo Sai ) ने अपना राजनीतिक करियर गांव की राजनीति से शुरू किया। वह 1989-1990 में अविभाजित मध्य प्रदेश में तपकरा की ग्राम पंचायत बगिया से निर्विरोध सरपंच चुने गए। इसके बाद पहली बार भाजपा के टिकट पर 1990 में तपकरा सीट से ही विधायक बने। 8 साल विधायक रहने के बाद 2004 में रायगढ़ से सांसद चुने गए।
लोकसभा का यह सफर 2014 तक जारी रहा। सांसद रहने के दौरान मोदी सरकार में इस्पात मंत्रालय में राज्यमंत्री बनाए गए। इस बीच 2011 और फिर 2020 में पार्टी ने साय को छत्तीसगढ़ भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया। 2022 में भाजपा की राष्ट्रीय कार्य समिति के सदस्य बनाए गए।
साय खुद किसान परिवार से थे, लेकिन उनके बड़े पिताजी स्व. नरहरि प्रसाद साय और दादा स्व. बुधनाथ साय जनसंघ के समय से ही राजनीति में रहे। नरहरि प्रसाद तपकरा से विधायक थे, फिर लैलूंगा से विधायक और बाद में सांसद चुने गए। केंद्र में संचार राज्यमंत्री बने। वहीं दादा भी 1947-1952 तक विधायक रहे।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राजनांदगांव विधायक @drramansingh जी ने भाजपा विधायक दल के नेता के लिए कुनकुरी विधायक श्री @vishnudsai जी का नाम प्रस्तावित किया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं लोरमी विधायक श्री @ArunSao3 जी एवं रायपुर दक्षिण विधायक श्री @brijmohan_ag जी ने प्रस्ताव का… pic.twitter.com/1Jhl89wEI4
— BJP Chhattisgarh (@BJP4CGState) December 10, 2023