Sunday, May 04, 2025

INDIA, News, Republic Day

Republic Day: राष्ट्रपति के संबोधन में राम मंदिर, कर्पूरी ठाकुर का जिक्र:कहा- भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा अमृत काल

President Droupadi Murmu addresses nation on Republic Day eve, speaks on Ram temple, ISRO missions, Paris Olympics

राष्ट्रपति (President Droupadi Murmu ) ने 75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर गुरुवार को राष्ट्र को संबोधित किया।। अपने 23 मिनट के संबोधन में उन्होंने राम मंदिर का जिक्र किया साथ ही कर्पूरी ठाकुर को भी श्रद्धांजलि दी।

अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा, ‘मेरे प्यारे देशवासियों, नमस्कार! 75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मैं आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं। जब मैं पीछे मुड़कर यह देखती हूं कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद हमने कितनी लंबी यात्रा की है, तब मेरा हृदय गर्व से भर जाता है। हमारे गणतंत्र का 75वां वर्ष, कई अर्थों में, देश की यात्रा में एक ऐतिहासिक पड़ाव है।’

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu ) ने  कहा कि यह उत्सव मनाने का विशेष अवसर है, जैसे हमने स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे होने पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के दौरान अपने देश की अतुलनीय महानता और विविधतापूर्ण संस्कृति का उत्सव मनाया था। जब संसद ने ऐतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक पारित किया तो हमारा देश, स्त्री-पुरुष समानता के आदर्श की ओर आगे बढ़ा। मेरा मानना है कि ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’, महिला सशक्तीकरण का एक क्रांतिकारी माध्यम सिद्ध होगा। इससे हमारे शासन की प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने में भी बहुत सहायता मिलेगी। जब सामूहिक महत्व के मुद्दों पर महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी, तब हमारी प्रशासनिक प्राथमिकताओं का जनता की आवश्यकताओं के साथ बेहतर सामंजस्य बनेगा।

उन्होंने कहा कि हमारा देश स्वतंत्रता की शताब्दी की ओर बढ़ते हुए अमृतकाल के प्रारंभिक दौर से गुजर रहा है। यह एक युगांतकारी परिवर्तन का कालखंड है। हमें अपने देश को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का सुनहरा अवसर मिला है। हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रत्येक नागरिक का योगदान, महत्वपूर्ण होगा। इसके लिए मैं सभी देशवासियों से संविधान में निहित हमारे मूल कर्तव्यों का पालन करने का अनुरोध करूंगी। ये कर्तव्य, आजादी के 100 वर्ष पूरे होने तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में, प्रत्येक नागरिक के आवश्यक दायित्व हैं। इस संदर्भ में मुझे महात्मा गांधी का स्मरण होता है। बापू ने ठीक ही कहा था, ‘जिसने केवल अधिकारों को चाहा है, ऐसी कोई भी प्रजा उन्नति नहीं कर सकी है। केवल वही प्रजा उन्नति कर सकी है जिसने कर्तव्य का धार्मिक रूप से पालन किया है।’

बिहार के पूर्व सीएम भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर को दी श्रद्धांजलि अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu ) ने बिहार के पूर्व सीएम भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर का भी जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि मैं यह उल्लेख करना चाहूंगी कि सामाजिक न्याय के लिए अनवरत युद्धरत रहे, कर्पूरी ठाकुर जी की जन्म शताब्दी का उत्सव कल ही संपन्न हुआ है। कर्पूरी जी पिछड़े वर्गों के सबसे महान पक्षकारों में से एक थे, जिन्होंने अपना सारा जीवन उनके कल्याण के लिए समर्पित कर दिया था। उनका जीवन एक संदेश था। अपने योगदान से सार्वजनिक जीवन को समृद्ध बनाने के लिए, मैं कर्पूरी जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘मेरे प्यारे देशवासियो, हमारे राष्ट्रीय त्योहार ऐसे महत्वपूर्ण अवसर होते हैं, जब हम अतीत पर भी दृष्टिपात करते हैं और भविष्य की ओर भी देखते हैं। पिछले गणतंत्र दिवस के बाद के एक वर्ष पर नजर डालें तो हमें बहुत प्रसन्नता होती है। भारत की अध्यक्षता में दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन एक अभूतपूर्व उपलब्धि थी। G20 से जुड़े आयोजनों में जन-सामान्य की भागीदारी विशेष रूप से उल्लेखनीय है। इन आयोजनों में विचारों और सुझावों का प्रवाह ऊपर से नीचे की ओर नहीं, बल्कि नीचे से ऊपर की ओर था। उस भव्य आयोजन से यह सीख भी मिली है कि सामान्य नागरिकों को भी ऐसे गहन तथा अंतर-राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे में भागीदार बनाया जा सकता है जिसका प्रभाव अंततः उनके अपने भविष्य पर पड़ता है। G20 शिखर सम्मेलन के माध्यम से वैश्विक दक्षिण की आवाज के रूप में भारत के अभ्युदय को भी बढ़ावा मिला, जिससे अंतर-राष्ट्रीय संवाद की प्रक्रिया में एक आवश्यक तत्व का समावेश हुआ।’

राष्ट्रपति ने कहा, ‘इस सप्ताह के आरंभ में हम सबने अयोध्या में प्रभु श्रीराम के जन्मस्थान पर निर्मित भव्य मंदिर में स्थापित मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक समारोह देखा। भविष्य में जब इस घटना को व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखा जाएगा, तब इतिहासकार, भारत द्वारा अपनी सभ्यतागत विरासत की निरंतर खोज में युगांतरकारी आयोजन के रूप में इसका विवेचन करेंगे। उचित न्यायिक प्रक्रिया और देश के उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद मंदिर का निर्माण कार्य आरंभ हुआ। अब यह एक भव्य संरचना के रूप में शोभायमान है। यह मंदिर न केवल जन-जन की आस्था को व्यक्त करता है, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया में हमारे देशवासियों की अगाध आस्था का प्रमाण भी है।’

उन्होंने कहा कि इसी अवधि में भारत, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के क्षेत्र पर उतरने वाला पहला देश बना। चंद्रयान-3 के बाद ISRO ने एक सौर मिशन भी शुरू किया। हाल ही में आदित्य L1 को सफलतापूर्वक ‘Halo Orbit’ में स्थापित किया गया है। भारत ने अपने पहले एक्स-रे Polarimeter Satellite, जिसे एक्सपोसैट कहा जाता है, के प्रक्षेपण के साथ नए साल की शुरुआत की है। यह सैटेलाइट, अंतरिक्ष के ‘ब्लैक होल’ जैसे रहस्यों का अध्ययन करेगा। वर्ष 2024 के दौरान अन्य कई अंतरिक्ष अभियानों की योजना बनाई गई है। यह प्रसन्नता का विषय है कि भारत की अंतरिक्ष यात्रा में अनेक नई उपलब्धियां हासिल की जाने वाली हैं। हमारे प्रथम मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम, ‘गगनयान मिशन’ की तैयारी सुचारु रूप से आगे बढ़ रही है।

उन्होंने कहा कि आज का भारत, आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है। सुदृढ़ और स्वस्थ अर्थव्यवस्था इस आत्मविश्वास का कारण भी है और परिणाम भी। हाल के वर्षों में, सकल घरेलू उत्पाद की हमारी वृद्धि दर, प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक रही है। ठोस आकलन के आधार पर हमें पूरा विश्वास है कि यह असाधारण प्रदर्शन, वर्ष 2024 और उसके बाद भी जारी रहेगा। यह बात मुझे विशेष रूप से उल्लेखनीय लगती है कि जिस दूरगामी योजना-दृष्टि से अर्थव्यवस्था को गति प्राप्त हुई है, उसी के तहत विकास को हर दृष्टि से समावेशी बनाने के लिए सुविचारित जन कल्याण अभियानों को भी बढ़ावा दिया गया है।

उन्होंने कहा कि महामारी के दिनों में, समाज के कमजोर वर्गों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए लागू योजनाओं का दायरा, सरकार ने बढ़ा दिया था। बाद में, कमजोर वर्गों की आबादी को संकट से उबरने में सहायता प्रदान करने हेतु इन कल्याणकारी योजनाओं को जारी रखा गया। इस पहल को और अधिक विस्तार देते हुए, सरकार ने 81 करोड़ से अधिक लोगों को अगले पांच साल तक मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। संभवतः, इतिहास में यह अपनी तरह का सबसे बड़ा जन-कल्याण कार्यक्रम है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि  सभी नागरिकों के जीवन-यापन को सुगम बनाने के लिए अनेक समयबद्ध योजनाएं भी कार्यान्वित की जा रही हैं। घर में सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल की उपलब्धता से लेकर अपना घर होने के सुरक्षा-जनक अनुभव तक, ये सभी बुनियादी न्यूनतम आवश्यकताएं हैं, न कि विशेष सुविधाएं। ये मुद्दे, किसी भी राजनीतिक या आर्थिक विचारधारा से परे हैं और इन्हें मानवीय दृष्टिकोण से ही देखा जाना चाहिए। सरकार ने, केवल जन-कल्याण योजनाओं का विस्तार और संवर्धन ही नहीं किया है, अपितु जन-कल्याण की अवधारणा को भी नया अर्थ प्रदान किया है।

उन्होंने कहा कि हम सभी उस दिन गर्व का अनुभव करेंगे जब भारत ऐसे कुछ देशों में शामिल हो जाएगा जहां शायद ही कोई बेघर हो। समावेशी कल्याण की इसी सोच के साथ ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ में डिजिटल विभाजन को पाटने और वंचित वर्गों के विद्यार्थियों के हित में, समानता पर आधारित शिक्षा व्यवस्था के निर्माण को समुचित प्राथमिकता दी जा रही है। ‘आयुष्मान भारत योजना’ के विस्तारित सुरक्षा कवच के तहत सभी लाभार्थियों को शामिल करने का लक्ष्य है। इस संरक्षण से गरीब और कमजोर वर्गों के लोगों में एक बहुत बड़ा विश्वास जगा है।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘हमारी स्वाधीनता के सौ वर्ष पूरे होने तक की, अमृत काल की अवधि के दौरान अभूतपूर्व तकनीकी परिवर्तन भी होने जा रहे हैं। Artificial Intelligence और Machine Learning जैसे तकनीकी बदलाव, असाधारण गति के साथ, सुर्खियों से बाहर आकर, हमारे दैनिक जीवन का अंग बन गए हैं। कई क्षेत्रों में भविष्य से जुड़ी आशंकाएं चिंतित करती हैं, लेकिन अनेक उत्साह-जनक अवसर भी दिखाई देते हैं, विशेषकर युवाओं के लिए। हमारे युवा, वर्तमान की सीमाओं से परे जाकर नई संभावनाएं तलाश रहे हैं। उनके मार्ग से बाधाओं को दूर करने और उन्हें अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करने की सुविधा प्रदान करने के लिए हमें हर संभव प्रयास करना है। हमारी युवा पीढ़ी चाहती है कि सभी को अवसर की समानता प्राप्त हो। वे समानता से जुड़े पुराने शब्दजाल नहीं चाहते हैं बल्कि, समानता के हमारे अमूल्य आदर्श का यथार्थ रूप देखना चाहते हैं।

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels