Sunday, May 04, 2025

Mahakumbh 2025, News, Uttar Pradesh

Mahakumbh 2025 : नाबालिग बच्‍ची को साध्वी बनाने वाले महंत कौशल गिरि जूना अखाड़े से निष्कासित, बच्ची को भेजा गया घर

Shri Mahant Kaushal Giri, who converted a minor-aged girl into a Sadhvi, was expelled from Juna Akhara, girl sent home.

महाकुंभ के प्रथम स्नान पर्व से पहले   ( Agra  )   की 13 वर्ष की नाबालिग को साध्वी ( Sadhvi ) बनाकर दान के रूप में प्राप्त करने वाले जूना अखाड़े के महंत कौशल गिरि को सात साल के लिए अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया है।

संगम क्षेत्र में आगरा के एक व्यवसायी ने दान की परंपरा को अनूठे तरीके से निभाते हुए अपनी 13 वर्षीय बेटी को जूना अखाड़े को सौंप दिया था। महंत कौशल गिरि ने लड़की को जूना अखाड़ा में शामिल कराने और साध्वी ( Sadhvi )बनाने का दावा किया था, लेकिन शुक्रवार को इसमें एक नया मोड़ आ गया।

शुक्रवार को रमता पंच की मौजूदगी में अखाड़े के शीर्ष पदाधिकारियों की पंचायत में यह निर्णय लिया गया। इसी के साथ साध्वी ( Sadhvi )बनाई गई बालिका को घर भेजा दिया गया। पौष पूर्णिमा पर 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ में देशभर से साधु-संतों के पहुंचने का सिलसिला तेज हो गया है।

अखाड़े अपनी छावनियों में राजसी ठाटबाट के साथ प्रवेश कर चुके हैं। इसके बीच में एक हैरान करने वाले घटनाक्रम ने देश-दुनिया से यहां आने वाले संतों-भक्तों का ध्यान खींचा है।
जूना अखाड़े के महंत कौशल गिरि ने आगरा के रहने वाले एक परिवार की 13 वर्षीय बेटी राखी को दान के रूप में प्राप्त करने का दावा करते हुए उसे साध्वी ब( Sadhvi )ना लिया था। जूना अखाड़े में बालिका साध्वी की वेशभूषा में नजर आई थी।

तब कहा जा रहा था कि संन्यासिनी की दीक्षा दिलाने के बाद महाकुंभ में धर्मध्वजा पर संस्कार कराया जाएगा। इसके बाद परंपरा के अनुसार बालिका के जीते जी पिंडदान कराने की भी घोषणा की गई।कौशल गिरि का कहना था कि इसके बाद वह सांसारिक जीवन त्याग कर पूरी तरह संन्यासिनी जीवन में प्रवेश कर लेगी और उसका नाम साध्वी गौरी( Sadhvi  Gauri) रखा गया था।

उसे गंगा स्नान करवाकर नामकरण किया गया था। 19 जनवरी को उसका पिंडदान करवाकर विधिवत संन्यास देने की तैयारी थी। उसके पहले शुक्रवार की दोपहर महाकुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर 20 स्थित अखाड़ा नगर में जूना अखाड़ा की आमसभा बुलाई गई।
सभा में संरक्षक महंत हरि गिरि, सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि, अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि सहित अखाड़े के प्रमुख पदाधिकारी शामिल हुए।इस दौरान नाबालिग लड़की को बिना अखाड़े को सूचित किए कौशल गिरि द्वारा दान में लेने पर संतों ने रोष जताया। सभा में कहा गया कि अखाड़े की परंपरा में 22 वर्ष से कम किसी को शामिल होने पर रोक है। अखाड़े में अचानक हुई इस गतिविधि से पूरा मामला ही उलट गया है।
दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागम महाकुंभ में वैसे तो संत और महात्माओं का आध्यात्मिक कुनबा जुट रहा है। इसमें एक ऐसे भी संत हैं जिनकी उम्र अभी केवल साढ़े तीन साल की है। उनका नाम है श्रवण पुरी। इन्हें संत का दर्जा जूना अखाड़े के बाबाओं ने अभी से दे दिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि श्रवण पुरी के लक्षण साधु संन्यासियों के जैसे हैं।श्रवण पुरी जूना अखाड़े के अनुष्ठान में शामिल होते हैं और आरती करते हैं। श्रवण पुरी का व्यवहार आम बच्चों से बिल्कुल अलग है। भोजन के अलावा चॉकलेट नहीं बल्कि फल खाना पसंद करते हैं। वो गुरु भाइयों के साथ खेलते हैं। पापा मम्मी को याद करने के बजाए संतों के साथ तुतलाती भाषा में श्लोक, मंत्र बोलते हैं।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels