आगरा के चेक बाउंस के मामले में समन और वारंट तामील करने में आगरा के थाना सदर पुलिस ने लापरवाही की। मामला जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ( Allahabad High Court) पहुंचा तो झूठा हलफनामा दाखिल कर दिया गया। हाईकोर्ट ने झूठ बोलने पर नाराजगी जताई। शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में उपस्थित होकर पुलिस आयुक्त जे रविन्दर गौड ने झूठा हलफनामा दाखिल करने पर माफी मांगी। कहा कि भ्रमवश गलत हलफनामा दाखिल हो गया। बाद में उन्होंने थाना पुलिस की लापरवाही पर प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार, दरोगा सोनू कुमार, डाक मुंशी और पैरोकार को निलंबित कर दिया।
मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट ( Allahabad High Court) में न्यायमूर्ति अरुण कुमार देशवाल की एकल पीठ कर रही है। आगरा निवासी अंकित शर्मा ने चेक अनादरण मामले में ट्रायल कोर्ट की ओर से 2019 में जारी समन और गैर जमानती वारंट के बावजूद विपक्षी मनोज कुमार के पेश नहीं होने पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। दलील दी कि पुलिस ने वर्ष 2019 से 2023 तक ट्रायल कोर्ट का समन विपक्षी मनोज को तामील नहीं कराया।
इस पर कोर्ट ने पुलिस आयुक्त से व्यक्तिगत हलफनामा तलब किया था। इस पर पुलिस आयुक्त की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया कि उन्हें कोर्ट से जारी कोई समन प्राप्त नहीं हुआ था। जबकि, जिला जज आगरा की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस विभाग को समन भेजा गया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ( Allahabad High Court) ने कहा था कि अदालत में झूठा हलफनामा दाखिल करना अवमानना के दायरे में आता है। लिहाजा, कोर्ट ने पुलिस आयुक्त जे रविन्दर गाैड को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू जाए। इसी क्रम में शुक्रवार को अदालत में पेश हुए पुलिस आयुक्त ने अदालत से माफी मांगी। मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जानकारी दी।

पुलिस आयुक्त जे रविन्दर गाैड ने बताया कि लापरवाही के मामले में थाना प्रभारी निरीक्षक और चाैकी प्रभारी सहित 4 को निलंबित किया गया है। भविष्य में इस तरह की लापरवाही न हो, उसके लिए सर्कुलर जारी किया जाएगा। समन और वारंट का रजिस्टर में रिकार्ड रखना होगा। इसकी निगरानी डीसीपी और एसीपी करेंगे। अगर, गिरफ्तारी नहीं हो रही है तो रिपोर्ट संबंधित न्यायालय में समय पर भेजने के संबंध में निर्देशित किया जाएगा। अगर, लापरवाही की जाएगी तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी।