
उच्चतम न्यायालय ने पिछले सप्ताह भट्ट की याचिका पर 11 अतिरिक्त गवाहों की जांच की मांग पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। संजीव भट्ट इन गवाहों के बयानों को फिर से दर्ज कराना चाहते थे।
घटना के समय संजीव भट्ट जामनगर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में तैनात थे। अभियोजन पक्ष के अनुसार, जामनगर में हुए दंगों में भट्ट ने लगभग 100 लोगों को हिरासत में लिया था। इनमें से एक की मौत अस्पताल में उस समय हो गई जब उसे कैद से छोड़ा गया था।