ताजमहल के नाम पर पर्यटकों से 54 करोड़ रूपये सालाना पथकर वसूलने वाले आगरा विकास प्राधिकरण के पास पर्यटकों की बेसिक सुविधाओं के लिए पैसा नहीं है, लेकिन पर्यटकों से वसूले जाने वाला पथकर जो ताजमहल में आने वाले पर्यटकों को सुविधा मुहैया कराने के लिए खर्च किया जाना चाहिए, उसका उपयोग साहब के लिए नई कारें खरीदने के लिए किया जा रहा है। ताजमहल पर तपती दोपहर में नंगे पांव चलने के लिए भारतीय पर्यटकों के लिए शू-कवर और पानी उपलब्ध कराने के लिए पैसा नहीं है, लेकिन साहब के चलने के लिए बड़ी बड़ी कारों के लिए इस पथकर का उपयोग किया जा रहा है। पथकर का उपयोग ऐसे ऐसे स्थानों पर किया जा रहा है जहां पर्यटकों से कोई लेना देना नहीं है।
ताजमहल पर विदेशी सैलानियों को मुख्य गुंबद पर जाने के लिए शू-कवर दिया जा रहा है, लेकिन जनाब, हिंदुस्तानी सैलानियों के पांव भी ऐसी तपती दोपहरी और लू में जल रहे हैं। पथकर निधि से इन्हीं सैलानियों की जेब से आगरा विकास प्राधिकरण सालाना 54 करोड़ रूपये वसूल रहा है, लेकिन विदेशी और भारतीय सैलानियों के बीच भेदभाव करते हुए केवल विदेशी को ही शू कवर देता है। बजट की कमी बताकर एक तरफ भारतीय सैलानियों को शूकवर मयस्सर नहीं, वहीं अफसरों के लिए इसी पथकर निधि से एसी कारें खरीदीं गयी हैं।
एडीए ने ताजमहल के मुख्य गुंबद पर मेहमानखाने के नीचे दो शूकवर वेंडिंग यूनिट लगाई है, जहां केवल विदेशी पर्यटकों को शू कवर मिल रहे हैं भारतीय सैलानियों को नंगे पांव ही जाना पड़ रहा है या फिर वह ताज के बाहर से 20 रूपये में यह शू कवर खरीदकर लायें, सबसे अच्छी क्वालिटी का शू कवर 5 रूपये का पड़ रहा है। अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार का कहना है कि ताजमहल के साइट मैनेजमेंट प्लान में पर्यटकों को शूकवर पहनाकर मुख्य गुंबद पर जाने की सिफारिश की गयी है, अभी तक भारतीय पर्यटकों के लिए शू कवर की व्यवस्था नहीं है, यह प्लान सुप्रीम कोर्ट में पेश हो चुका है। मुख्यालय से जो निर्देश आयेंगे, उसके मुताबिक शूकवर की व्यवस्था की जायेगी।
सदस्य पथकर कमेटी राकेश चौहान का कहना है कि भारतीय और विदेशी पर्यटक में भेदभाव क्यों, हम हर बार ताजमहल आने वाले पर्यटक को ब्रोशर और शूकवर मुफ्त देने की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन इसके लिए बजट जारी नहीं करते।