Monday, May 20, 2024

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Uttar Pradesh :आगरा के डॉक्टर ने कहा- ‘वो छांटो, जिसकी ऑक्सीजन बंद हो सकती है’, फिर 5 मिनट ऑक्सीजन बंद की, 22 मरीज मर गए

Paras Hospital

Paras Hospital की दूसरी लहर में डॉक्टर इतने क्रूर और अमानवीय हो जायेंगे कोई सोच भी नहीं सकता कि मरीजों की जान लेने पर आमदा हो जायेंगे ऐसा  में स्थित पारस अस्पताल ( )में 26 अप्रैल को सुबह सात बजे ऑक्सीजन बंद कर किया गया।

इस के कबूल नामे के वीडियो वायरल हो रहे है, इस दौरान अस्पताल में 96 मरीज भर्ती थे। इसके चार वीडियो वायरल हुए हैं जिसमें पारस अस्पताल( Paras Hospital )  के संचालक डॉ. अरिन्जय जैन( Dr Arinjay Jain )बता रहे हैं कि इस मॉकड्रिल में 22 मरीजों की मौत हो गई। 74 मरीज बचे जिनके तीमारदारों से ऑक्सीजन सिलिंडर मंगाए गए। इस संबंध में डीएम का कहना है कि मामले की न्यायिक जांच कराई जाएगी।

सोशल मीडिया पर सोमवार को पारस अस्पताल ( Paras Hospital )संचालक डॉ. अरिन्जय जैन के चार वीडियो वायरल हुए हैं। जिनमें वह 26 अप्रैल के मंजर को अपने स्टाफ से बयान कर रहे हैं, कि कैसे उन्होंने ऑक्सीजन संकट के समय प्रयोग किए। वीडियो वायरल होने के बाद आगरा से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मच गया।

ये मामला तब का है जब शहर में संक्रमण की दूसरी लहर चरम पर थी। ऑक्सीजन और बेड के लिए हाहाकार मचा था। कोविड अस्पतालों में मरीज भर्ती करने के लिए जगह नहीं थी। वीडियो में डॉ. अरिन्जय जैन कबूल कर रहे हैं कि मरीजों की छंटनी के लिए मॉकड्रिल की गई थी। जिसमें मरीजों की ऑक्सीजन आपूर्ति शून्य कर दी गई। इस दौरान पांच मिनट में 22 मरीज छंट गए।

पिछले साल अप्रैल 2020 में पारस अस्पताल के संचालक डॉ. अरिन्जय जैन और प्रबंधक के विरुद्ध डीएम प्रभु एन सिंह ने महामारी फैलाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि अस्पताल ने बिना प्रशासन को सूचित किए कोरोना मरीज भर्ती किए। फिर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया। इससे 10 जिलों में संक्रमण फैला था। अस्पताल में दस महीने तक कोविड मरीज भर्ती पर रोक लगी रही। फिर शासन स्तर से एक जनप्रतिनिधि की पैरवी पर मुकदमा खत्म हो गया। अप्रैल में दोबारा पारस अस्पताल को कोविड मरीज भर्ती करने की अनुमति मिल गई।

पारस अस्पताल( Paras Hospital ) वीडियो का इस प्रकार हैअस्पताल संचालक के पास कुछ लोग बैठे हैं। तभी वह किसी का नाम लेकर कहता है- “बोले बॉस कि आप समझाओ, डिस्चार्ज करना शुरू करो। ऑक्सीजन कहीं नहीं है। मुख्यमंत्री भी ऑक्सीजन नहीं मंगा सकता। मोदीनगर ड्राइ हो गया है। मेरे तो हाथ-पांव फूल गए। कुछ लोगों (मरीजों के तीमारदारों को) को व्यक्तिगत समझाना शुरू किया। कहा, समझो बात को। कुछ पेंडुलम बने थे कि कहीं नहीं जाएंगे… नहीं जाएंगे। कोई नहीं जा रहा है। फिर हमनें कहा कि उनको छांटो जिनकी ऑक्सीजन बंद हो सकती है। एक ट्राई मार दो। पता चला जाएगा कि कौन मरेगा कौन नहीं।
मॉक ड्रिल सुबह 7 बजे की। सुन्न कर दिए 22 मरीज। छंट गए 22 मरीज। नीले पड़ने लगे। छटपटाने लगे थे। तुरंत खोल दिए। तभी दूसरे शख्स की आवाज आई। उसने पूछा- कितने देर की मॉक ड्रिल थी। डॉक्टर ने कहा, 5 मिनट में 22 मर गए। इसके बाद तीमारदारों से कहा कि अपना अपना सिलेंडर लेकर आओ। यह सबसे बड़ा प्रयोग रहा।

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels