Sunday, May 19, 2024

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Uttar Pradesh :G20 मेहमानों को खुश करने की क़वायद में आगरा क़िले का दीवान-ए-आम हुआ क्षतिग्रस्त, बंद किया गया

(Agra Fort )

 (  के ऐतिहासिक शहर  में G20 के लिए आये विदेशी मेहमानों को खुश करने के लिए आयोजित किया गया सांस्कृतिक कार्यक्रम   किले (Agra Fort ) में भारी नुक्सान का सबब बना है। किले के दीवान – ए – आम की छत में दो से छह एम एम तक की दरारें आने के बाद किले के भीतर मौजूद इस प्रमुख इमारत को बैरिकेडिंग लगाकर बंद कर दिया गया है और अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के विशेषज्ञ अनुमति से कहीं अधिक तेज आवाज़ में लाउडस्पीकर बजाये जाने के कारण हुए इस नुक्सान का आकलन कर रहे हैं।

महिला सशक्तीकरण पर हुए G20 शिखर सम्मेलन के लिए 11 और 12 फ़रवरी को आगरा को 13 देशों से आये 145 प्रतिनिधियों के स्वागत के लिए सजाया-संवारा गया था। विदेशी मेहमानों के स्वागत में कोई कमी न रह जाये इसके लिए    ()  और आगरा क़िला (Agra Fort ) को पर्यटकों के लिए पूरा दिन बंद रखने की भी तैयारी थी। 10 फ़रवरी की रात को शाही अन्दाज़ में इन प्रतिनिधियों को हवाई अड्डे से शिल्पग्राम तक लाया गया और वही शाही स्वागत 11 फ़रवरी को भी जारी रहा जब सभी नियमों को धता बताते हुए तमाम मंत्रियों की मौजूदगी में विदेशी मेहमानों के लिए आगरा क़िले के दीवान-ए-आम में क़िले की दीवारों पर लेज़र लाइट से प्रोजेक्शन मैपिंग की गई और तेज़ आवाज़ में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कुल 45 मिनट के लिए हुए इस कार्यक्रम के लिए दीवान-ए-आम और क़िले के अन्य भागों में जगह-जगह स्पीकर लगाये गये जिनका ध्वनि-स्तर निर्धारित 40 डेसिबल से कहीं अधिक था।

पुरातत्व विभाग से जुड़े सूत्रों ने बताया है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा 11 फरवरी को आगरा किला (Agra Fort ) के दीवान-ए-आम में प्रस्तुति के लिए शंकर प्रसाद चौधरी के नाम से अनुमति जारी की गई थी। अनुमति की शर्तों में स्पष्ट था कि कार्यक्रम के दौरान साउंड लेवल यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर के लिए निर्धारित मानक से अधिक नहीं होना चाहिए। यूनेस्को ने पुरामहत्व के स्मारकों में आवाज़ का अधिकतम स्तर 40 डेसीबल तय किया हुआ है, लेकिन क़िले में मौजूद पुरातत्व विभाग के कर्मचारियों की आपत्ति के बावजूद किले में 10 फरवरी को हुई सांस्कृतिक कार्यक्रम की रिहर्सल और 11 फरवरी को हुए कार्यक्रम के दौरान लाउडस्पीकर तय सीमा से कहीं अधिक तेज़ बजाये गए, जिससे न केवल किले की छत में दरारें आईं, बल्कि प्लास्टर भी झड़ गया। 12 फरवरी को जब पर्यटकों ने इस नुकसान को इंगित किया और अधिकारियों तक बात पहुंची, तो आनन-फ़ानन में दीवान-ए-आम को बैरिकेडिंग लगाकर बंद कर दिया गया।

सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद नीरज वर्मा सहित अन्य अधिकारियों ने निरीक्षण करने के बाद पाया कि लगभग 1 फुट मोटे पत्थर के स्लैब डालकर मुग़लकाल में बनाई गई दीवान-ए-आम की दक्षिणी हिस्से की छत के प्लास्टर में कई जगह दरारें आई हैं, जिनमें से कई काफ़ी गहरी हैं। अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल ने भी माना कि पुरातत्व विशेषज्ञों द्वारा किए गये प्रारंभिक सर्वे में यह स्पष्ट हुआ है कि क़िले (Agra Fort ) की छत में गंभीर नुक़सान हुआ है और दरारें आने से कई जगह छत से प्लास्टर भी गिरा है लेकिन यह नुक़सान पहले से ही था या कार्यक्रम के बाद हुआ है, यह आकलन किया जा रहा है। दरारें कहीं बढ़ तो नहीं रही हैं, इसका पता लगाने के लिए टैल-टेल ग्लास लगाये जाएँगे।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels