इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को वाराणसी (Varanasi) के ज्ञानवापी मस्जिद ( Gyanvapi Masjid ) परिसर के एएसआई सर्वे की इजाजत दे दी। हाईकोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका खारिज करते हुए तत्काल सेशन कोर्ट के आदेश का पालन करने यानी सर्वे शुरू करने का आदेश दिया।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एएसआई सर्वेक्षण के लिए वाराणसी न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा है। हाईकोर्ट ने कहा- न्याय के हित में ज्ञानवापी ( Gyanvapi )में वैज्ञानिक सर्वेक्षण जरूरी।
चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाया। अदालत ने सर्वे पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा है कि न्याय के लिए यह सर्वे जरूरी है। कुछ शर्तों के साथ इसे लागू करने की जरूरत है। सर्वे करिए, लेकिन बिना खुदाई किए। उधर, मुस्लिम पक्ष के वकील मुमताज अहमद ने कहा कि वह अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने हाईकोर्ट के फैसले पर कहा, ‘इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एएसआई को सर्वे करने के लिए कहा है। हाईकोर्ट ने जिला कोर्ट के फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू करने के लिए भी कहा है। कोर्ट ने सर्वे को मंजूरी दे दी है।’
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों ने अपनी दलीलें पेश की थीं। कोर्ट के आदेश पर हाजिर हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अतिरिक्त महानिदेशक ने सर्वेक्षण में अपनाई जाने वाली तकनीक से कोर्ट को रूबरू करवाया था।
जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने 21 जुलाई को ज्ञानवापी ( Gyanvapi )परिसर में सील वजूखाने को छोड़कर शेष अन्य हिस्से के एएसआई से सर्वे का आदेश दिया था। सर्वे रिपोर्ट चार अगस्त तक जिला जज की अदालत में पेश की जानी थी। इसका अनुपालन हुआ और एएसआई की टीम ने 24 जुलाई से ही सर्वे शुरू कर दिया।
इस मामले को लेकर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने 24 जुलाई की दोपहर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद सर्वे पर 26 जुलाई की शाम पांच बजे तक रोक लगा दी। साथ ही अंजुमन इंतेजामिया कमेटी को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने की सलाह दी। इस मामले की तीन दिन चली सुनवाई के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सर्वे पर रोक का सुप्रीम कोर्ट का आदेश बरकरार रखते हुए आदेश सुनाने के लिए तीन अगस्त यानि आज की तिथि नियत की थी।