पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर ( Manipur ) में 3 मई को शुरू हुई हिंसा अब तक नहीं थमी है। बिष्णुपुर जिले के कांगवई और फोउगाकचाओ इलाके में झड़पों के बाद सेना तथा त्वरित कार्रवाई बल (आरपीएफ) ने गुरुवार को आंसू गैस के गोले छोड़े, जिसमें 20 लोग घायल हो गए। इंफाल में एहतियात के तौर फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया है।
मणिपुर( Manipur ) में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच जारी हिंसा को आज (3 अगस्त) तीन महीने पूरे हो गए। कुकी समुदाय ने गुरुवार सुबह 11 बजे हिंसा में मारे गए लोगों के शवों को चुराचांदपुर के टोइबुंग शांति मैदान में दफनाने की बात कही थी। मैतेई समुदाय को कुकी लोगों के शव शांति मैदान में दफनाने से ऐतराज था।
बिष्णुपुर जिले में सुबह से ही तनाव व्याप्त है। यहां हजारों स्थानीय लोग सुरक्षाबलों की आवाजाही को रोकने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं। महिलाओं के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने सेना और आरएएफ कर्मियों द्वारा लगाए गए बैरिकेड को पार करने की कोशिश की और मांग की कि उन्हें दफन स्थल तुइबुओंग तक जाने की अनुमति दी जाए।
झड़पों से कुछ घंटे पहले, मणिपुर ( Manipur ) के हाईकोर्ट ने चुराचांदपुर जिले के हाओलाई खोपी गांव में उस प्रस्तावित स्थल को लेकर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था, जहां कुकी जो समुदाय के लोगों ने जातीय संघर्ष में मारे गए 35 लोगों के शवों को दफनाने की योजना बनाई थी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एम वी मुरलीधरन ने सुबह छह बजे सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया।
इसके विरोध में मैतेई समुदाय की महिलाओं ने गुरुवार सुबह बिष्णुपुर के थोरबुंग गांव की ओर कूच कर दिया। थोरबुंग में कुकी और मैतेई इलाके के बीच का बफर जोन है।
मैतेई महिलाओं ने बफर जोन को पारकर कुकी इलाके में घुसने की कोशिश की। सुरक्षाबलों ने उन्हें रुकने के लिए कहा। मैतेई महिलाएं नहीं मानीं, भीड़ को तितर-बितर करने के लिए असम राइफल्स ने जवाबी कार्रवाई में हवाई फायरिंग की और आंसू गैस के गोले दागे।
मैतेई महिलाओं ने भी सुरक्षाकर्मियों पर पथराव किया। इस दौरान कई महिलाएं घायल हो गईं। उधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निवेदन पर कुकी समुदाय के लोगों के शवों के अंतिम संस्कार का कार्यक्रम 5 दिन के लिए टाल दिया गया।
गौरतलब है, मणिपुर ( Manipur ) में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। राज्य में तब से अब तक कम से कम 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
At least 17 people were injured during clashes with security forces in #Manipur‘s Bishnupur and Churachandpur districts ahead of a mass burial of victims killed in ethnic violence, officials said.
As a result of fresh violence, district authorities of #Imphal East and Imphal… pic.twitter.com/BduqAfExCS
— IANS (@ians_india) August 3, 2023