जी-20 के मंच से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ( US President Joe Biden ) ने इंडिया मिडिल ईस्ट यूरोप इकोनॉमिक कोरिडोर( India-Middle East-Europe’ economic corridor ) का ऐलान करके चीन के वन रोड वन बेल्ट परियोजना (बीआरआइ) की हवा निकाल दी है। इसके साथ ही वैश्विक अर्थमंच पर तेजी से उभरते भारत के बाजार को बुलेट की रफ्तार देने की उम्मीद जगा दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि इंडिया मिडिल ईस्ट यूरोप इकोनॉमिक कोरिडोर को दुनिया के 8 देश मिलकर बनाएंगे। यह भारत से इजरायल और यूरोप तक जाएगा।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने शनिवार को इस आर्थिक कॉरिडोर( India-Middle East-Europe’ economic corridor ) का एलान कर दिया है। इस दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मानव सभ्यता के विकास के लिए मजबूत कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचा आधार रहा है। भारत ने इस विषय को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
भारत मध्य पूर्व यूरोप कनेक्टिविटी कॉरिडोर ( India-Middle East-Europe’ economic corridor )लॉन्च इवेंट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, ईटली की प्रधानमंत्री जॉर्जियो मेलोनी व अन्य नेता मौजूद रहे।
हमारा मानना है कि विभिन्न देशों के बीच संपर्क से न केवल व्यापार बढ़ता है बल्कि उनके बीच विश्वास भी बढ़ता है। कनेक्टिविटी पहल को बढ़ावा देकर, हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हम दर्शन से चिपके रहें। इनमें अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करना, सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना शामिल है।
भारत में जी-20 समिट में हिस्सा लेने आए जो बाइडन ने आर्थिक कॉरिडोर की घोषणा करते हुए कहा कि, “यह वास्तव में एक बड़ी बात है। मैं प्रधानमंत्री को धन्यवाद कहना चाहता हूं। एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य जो इस जी 20 शिखर सम्मेलन का फोकस है, पर ही आधारित है। यह कई मायनों में, उस साझेदारी का भी प्रतीक है जिसके बारे में हम आज बात कर रहे हैं। टिकाऊ, लचीला बुनियादी ढांचे का निर्माण, गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे में निवेश करना और एक बेहतर भविष्य बनाने के लिए हम इकोनॉमिक कॉरिडोर तैयार करेंगे। पिछले साल, हम इसके लिए प्रतिबद्ध होकर एक साथ आए थे।”
बाइडन ने कहा, “आज मैं उन प्रमुख तरीकों को उजागर करना चाहता हूं जिनमें संयुक्त राज्य अमेरिका और हमारे सहयोगी इस आर्थिक गलियारे को वास्तविकता बनाने के लिए काम कर रहे हैं। आप अगले दशक में उस वाक्यांश को एक से अधिक बार सुनने जा रहे हैं, मुझे उम्मीद है। जैसा कि हम निम्न-मध्यम आय वाले देशों में बुनियादी ढांचे के अंतर को दूर करने के लिए काम करते हैं, हमें अपने निवेश के प्रभाव को अधिकतम करने की आवश्यकता है। यही कारण है कि कुछ महीने पहले घोषणा की गई थी कि संयुक्त राज्य अमेरिका आर्थिक गलियारों में निवेश करने के लिए हमारे भागीदारों के साथ काम करेगा।”
भारत, अमेरिका, सऊदी अरब और भारत यूरोपीय संघ चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) का मुकाबला करने के उद्देश्य से जी 20 शिखर सम्मेलन के मौके पर शनिवार को एक बहुराष्ट्रीय रेल और बंदरगाह सौदे की घोषणा की। दिल्ली में चल रही जी-20 की बैठक का मुख्य आकर्षण इस मेगा ज्वाइंट इंफ्रास्ट्रक्चर डील रहा। इस सौदे की घोषणा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और यूरोपीय संघ के नेताओं के साथ मिलकर की।
इंडिया मिडिल ईस्ट यूरोप इकोनॉमिक कोरिडोर( India-Middle East-Europe’ economic corridor ) महत्वाकांक्षी परियोजना भारत, मध्य पूर्व के साथ-साथ यूरोप के बीच व्यापार को बढ़ावा देना और उन क्षेत्रों को बांधने के लिए एक आधुनिक स्पाइस रूट की स्थापना करना है। इससे लाभान्वित होने वालों में वैश्विक अर्थव्यवस्था का लगभग एक तिहाई हिस्सा होगा। अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि योजना में डेटा, रेल, बिजली और हाइड्रोजन पाइपलाइन परियोजनाएं शामिल होंगी। एक प्रस्तावित परियोजना संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, जॉर्डन और इज़राइल सहित मध्य पूर्व में रेलवे और बंदरगाह सुविधाओं को जोड़ेगी। यह भारत और यूरोप के बीच व्यापार को 40 प्रतिशत तक बढ़ाएगी।