Thursday, October 10, 2024

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नहीं रहे सहारा समूह के संस्थापक सहाराश्री सुब्रत रॉय, मुंबई के अस्पताल में ली अंतिम सांस

Subrata Roy

सहारा इंडिया ग्रुप के प्रमुख सहाराश्री सुब्रत रॉय  ( Subrata Roy)का मंगलवार को निधन हो गया है। उन्होंने    में आखिरी सांस ली। वह लंबे समय से बीमार थे। सहारा परिवार के मुखिया सहाराश्री सुब्रत रॉय काफी दिनों से गंभीर बीमारी से ग्रसित थे। उनका मुंबई के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनका पार्थिव शरीर बुधवार को लखनऊ के सहारा शहर लाया जाएगा, जहां उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी। कारोबारी और राजनीतिक जगत के दिग्गजों ने राय के निधन पर शोक जताया है।

सहारा समूह ने एक बयान जारी कर कहा, दुख के साथ हम सहारा इंडिया परिवार के मैनेजिंग वर्कर और अध्यक्ष सुब्रत राय ( Subrata Roy) के निधन की सूचना देते हैं। एक दूरद्रष्टा और प्रेरक व्यक्तिक्त के मालिक सहारा श्री का निधन रात 10.30 बजे कार्डिएक अरेस्ट के कारण हुआ। बयान में कहा गया है कि राय कैंसर से जूझ रहे थे जो शरीर में फैल गया था। इसके अलावा उन्हें रक्तचाप और मधुमेह की भी समस्या थी। उन्हें 12 नवंबर को तबीयत ज्यादा खराब होने पर कोकिला बेन अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

सुब्रत रॉय ( Subrata Roy) का जन्म 10 जून 1948 को हुआ था। वे भारत के प्रमुख कारोबारी और सहारा इंडिया परिवार के फाउंडर थे। उन्हें देशभर में ‘सहाराश्री’ के नाम से भी जाना जाता था। बिहार के अरारिया जिले में जन्मे सुब्रत रॉय ने कोलकाता के होली चाइल्ड स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने राजकीय तकनीकी संस्थान गोरखपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया।

सहाराश्री ने वर्ष 1978 में गोरखपुर से अपना व्यवसाय शुरू किया और सहारा इंडिया परिवार की स्थापना की। वर्ष 2012 में इंडिया टुडे पत्रिका ने सुब्रत रॉय ( Subrata Roy)को भारत के 10 सर्वाधिक अमीर लोगों में शामिल किया था। आज सहारा समूह हाउसिंग, मनोरंजन, मीडिया, रिटेल और वित्त सेवाओं जैसे तमाम क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सहारा समूह के पास जून-2010 तक लगभग 1,09,224 करोड़ रूपये की परिसंपत्ति थी। फोर्ब्स की सूची के अनुसार राय देश में व्यक्तिगत संपत्ति के मामले में सबसे धनवान शख्स थे। देश के कारोबारी दिग्गजों में शुमार किए जाने वाले राय की कुल संपत्ति करीब 3 अरब डॉलर (24882 करोड़ रुपये) थी।

सहारा श्री सुब्रत रॉय ( Subrata Roy)खेलों को प्रमोट करने में आगे थे। वह हर तरह के खेलों को प्रमोट करते थे। क्रिकेट में उनकी खास दिलचस्पी थी। टीम इंडिया की जर्सी में लंबे समय तक प्रायोजक के रुप में सहारा श्री का नाम ही जाता रहा है। क्रिकेट के मुकाबलों को देखने के लिए भी सहारा श्री स्टेडियम में जाया करते थे।

क्रिकेट के अलावा भी उनकी दिलचस्पी दूसरे खेलों में थी। एक समय तक मुश्किलों में फंसी भारतीय हॉकी टीम को संवारने में सुब्रत रॉय ने अहम योगदान दिया।  लखनऊ में लंबे समय तक सहारा के सहयोग से समय-समय पर कैंप आयोजित किया गया। एक और बड़ी उपलब्धि के तहत शहर में लगभग बंद हो चुकी प्रतिष्ठित शीशमहल क्रिकेट को भी जीवनदान देने में सहारा का अहम योगदान रहा।

सहारा से मिले सहयोग के बाद शीशमहल क्रिकेट का स्तर ही बढ़ गया और यहां देश के लिए खेलने वाले सभी प्रमुख क्रिकेटरों ने केडी सिंह बाबू स्टेडियम में आकर अपने खेल से प्रशंसकों को रोमांचित किया। खेलों के विकास के लिए शहर में सीएसडी सहारा, बीकेटी और सीएसडी सहारा, गोमतीनगर में क्रिकेट ग्राउंड तैयार किए गए, जहां से युवा क्रिकेट प्रतिभाओं को तराशा जा रहा है।

करीब एक दशक पूर्व रेलवे के बाद सबसे ज्यादा नौकरियां देने वाले सुब्रत राय के सहारा समूह का पतन सेबी के साथ हुए विवाद से शुरू हुआ। सेबी ने सहारा की कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन में जमा निवेशकों की रकम को नियमविरुद्ध तरीके से दूसरी कंपनियों में ट्रांसफर करने पर आपत्ति जताते हुए करीब 24 हजार करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश दिया था। बाद में, मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। कोर्ट ने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए कई महीने तक सुब्रत राय को जेल में रखा। समूह की संपत्तियां बेचने पर रोक लगा दी।  मई, 2016 में मां की मौत के बाद उन्हें जमानत मिली और अब तक वह इस मामले में जमानत पर ही थे।

Jaba Upadhyay

Jaba Upadhyay is a senior journalist with experience of over 15 years. She has worked with Rajasthan Patrika Jaipur and currently works with The Pioneer, Hindi.