केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ( Amit Shah) ने बताया कि, न्यू क्रिमिनल बिल में देशद्रोह के प्रावधानों को हटा दिया गया है। अमित शाह ने ससंद को बताया कि, सरकार की आलोचना करने पर कोई जेल नहीं जाएगा, लेकिन देश के खिलाफ नहीं बोल सकता है।तीन नए क्रिमिनल लॉ बिल लोकसभा में पास हो गए हैं। अब इसे राज्यसभा में रखा जाएगा। वहां से पास होने के बाद इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।
लोकसभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ( Amit Shah) ने कहा कि, अंग्रेजों द्वारा लाया गया राजद्रोह कानून हमारे कई स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ इस्तेमाल किया गया था। जब विपक्ष में रहते थे, तब विरोध करते थे, लेकिन सत्ता में आते थे, तो इसका दुरुपयोगकरते थे। पहली बार मोदी सरकार ने राजद्रोह कानून को पूर्ण रूप से समाप्त कर दिया। अब हमने देशद्रोह के अपराध से छुटकारा पा लिया है।
बिल पर लोकसभा में अमित शाह ने कहा कि अंग्रेजों का बनाया राजद्रोह कानून, जिसके चलते तिलक, गांधी, पटेल समेत देश के कई सेनानी कई बार 6-6 साल जेल में रहे। वह कानून अब तक चलता रहा।
मैंने राजद्रोह की जगह उसे देशद्रोह कर दिया है। क्योंकि अब देश आजाद हो चुका है, लोकतांत्रिक देश में सरकार की आलोचना कोई भी कर सकता है। अगर कोई देश की सुरक्षा, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
अगर कोई सशस्त्र विरोध करता है, बम धमाके करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी, उसे आजाद रहने का हक नहीं, उसे जेल जाना ही पड़ेगा। कुछ लोग इसे अपनी समझ के कपड़े पहनाने की कोशिश करेंगे, लेकिन मैंने जो कहा उसे अच्छी तरह समझ लीजिए। देश का विरोध करने वाले को जेल जाना होगा।
अमित शाह ने कहा कि, मॉब लिंचिंग घृणित अपराध है और हम नए कानून में मॉब लिंचिंग अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान कर रहे हैं। लेकिन मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि आपने भी वर्षों देश में शासन किया है, आपने मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून क्यों नहीं बनाया? आपने मॉब लिंचिंग शब्द का इस्तेमाल सिर्फ हमें गाली देने के लिए किया, लेकिन सत्ता में रहे तो कानून बनाना भूल गए।
अमित शाह ने बताया कि, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (CRPC) में पहले 484 धाराएं थीं, अब 531 होंगी, 177 धाराओं में बदलाव हुआ है। 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं, 39 नए सब सेक्शन जोड़े गए हैं, 44 नए प्रोविजन और स्पष्टीकरण जोड़े गए हैं, 35 सेक्शन में टाइम लाइन जोड़ी हैं और 14 धाराओं को हटा दिया गया है।
We are making our judicial procedure the most modern in the world by using technology.
टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से हमने भारत की न्यायिक व्यवस्था को दुनिया में सबसे अत्याधुनिक बनाने का काम किया है।#NayeBharatKeNayeKanoon pic.twitter.com/d1Ly0ThU4i
— Amit Shah (@AmitShah) December 20, 2023