Sunday, May 19, 2024

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बिहार के मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ का एलान ,प्रधानमंत्री मोदी ने जाहिर की खुशी

Socialist icon Former Bihar CM Karpoori Thakur to be awarded Bharat Ratna posthumously

दो बार  ( )के मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर( Karpoori Thakur )को सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजा जाएगा। केंद्र सरकार ने मरणोपरांत उन्हें यह सम्मान देने की घोषणा हुई है। दो बार बिहार के मुख्यमंत्री एक बार डिप्टी सीएम  रहे कर्पूरी ठाकुर पिछड़ों के बड़े हिमायती के रूप में जाना जाता है। इस घोषणा के बाद कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर ने खुशी जाहिर करते हुए केंद्र सरकार का धन्यवाद दिया। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसपर खुशी जाहिर की।

कर्पूरी ठाकुर ( Karpoori Thakur )के बेटे रामनाथ ठाकुर ने कहा कि मैं सरकार को यह फैसला लेने के लिए बिहार के 15 करोड़ लोगों की ओर से धन्यवाद देना चाहता हूं। वे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पाने वाले बिहार के तीसरे व्यक्ति होंगे। उनसे पहले प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद और लोकनायक जयप्रकाश नारायण को यह सम्मान दिया गया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर लिखा, ‘मुझे खुशी है कि भारत सरकार ने सामाजिक न्याय के प्रतीक जननायक कर्पूरी ठाकुर ( Karpoori Thakur )को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है। वह भी ऐसे समय में जब हम उनकी जन्मशती मना रहे हैं। दलितों के उत्थान के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता और उनके दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत के सामाजिक-राजनीतिक ताने-बाने पर एक अमिट छाप छोड़ी है। यह पुरस्कार न केवल उनके उल्लेखनीय योगदान का सम्मान है, बल्कि हमें अधिक न्यायसंगत समाज बनाने के उनके मिशन को जारी रखने के लिए भी प्रेरित करता है।’

सामाजिक व्यवस्था परिवर्तन में कर्पूरी के आदर्श जेपी, लोहिया और आचार्य नरेंद्र देव थे। कर्पूरी( Karpoori Thakur ) के पहले समाजवादी आंदोलन को खाद उच्च वर्ग से ही मिलती थी। कर्पूरी ने पूरे आंदोलन को उन लोगों के बीच ही रोप दिया जिनके बूते समाजवादी आंदोलन हरा होता था। वह 1970 में जब सरकार में मंत्री बने तो उन्होंने आठवीं तक की शिक्षा मुफ्त कर दी। उर्दू को द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिया। पांच एकड़ तक की जमीन पर मालगुजारी खत्म कर दी।

कर्पूरी ठाकुर ( Karpoori Thakur )का जन्म 24 जनवरी 1924 को समस्तीपुर के पितौंझिया गांव में हुआ। यानी बुधवार को (24 जनवरी) उनकी 100वीं जयंती है। कर्पूरी ठाकुर का निधन 17 फरवरी 1988 को हुआ।

वे बिहार के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे। उन्होंने पहली बार 1952 में विधानसभा चुनाव जीता था। 1967 में कर्पूरी ठाकुर ने डिप्टी CM बनने पर बिहार में अंग्रेजी की अनिवार्यता को खत्म कर दिया था।

समस्तीपुर के पितौंझिया (अब कर्पूरी ग्राम) में 1904 में सिर्फ 1 व्यक्ति मैट्रिक पास था। 1934 में 2 और 1940 में 5 लोग मैट्रिक पास हुए थे। इनमें एक कर्पूरी ठाकुर थे। वे 1952 में विधायक बने। वे ऑस्ट्रिया जाने वाले डेलीगेशन में चुने गए। उनके पास कोट नहीं था। एक दोस्त से मांगा। कोट फटा था। कर्पूरी जी वही कोट पहनकर चले गए। वहां युगोस्लाविया के मार्शल टीटो ने देखा कि उनका कोट फटा है। उन्हें नया कोट गिफ्ट किया।

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels