Sunday, May 19, 2024

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Republic Day 2024: 40 वर्षों में पहली बार, ऐतिहासिक ‘बग्घी’ में मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ राष्ट्रपति मुर्मू कर्तव्य पथ पहुंचीं 

In a first in 40 years, President Murmu, chief guest Emmanuel Macron arrive in horse-drawn ‘buggy’ for Republic Day parade

26 जनवरी को भारत ने अपना  (  का समारोह के अवसर पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए हैं। इस अवसर पर कर्तव्य पथ ( Kartavya Path) पर पर हो रहे परेड में भाग लेने  के   ( )     ) के साथ पारंपरिक बग्गी ( ‘Buggy’ ) में सवार होकर पहुंचे।40 साल के बाद फिर से इस परंपरा की शुरुआत हुई है।

राष्ट्रपति मुर्मू इस साल गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि व उनके फ्रांसीसी समकक्ष इमैनुएल मैक्रों (  President Emmanuel Macron )के साथ पारंपरिक बग्गी ( ‘Buggy’ ) से कर्तव्य पथ पर पहुंचीं। यह प्रथा 40 वर्षों के अंतराल के बाद इस साल फिर शुरू की गई है। बता दें कि साल 1950 में पहले गणतंत्र दिवस पर देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद इस बग्घी में बैठे थे। ब्रिटिश राज के दौरान वायसराय भी इसका इस्तेमाल करते थे। 1984 तक ये परंपरा चलती रही। हालांकि, पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद बग्गी की परंपरा को रोक दिया गया और इसकी जगह कार का इस्तामाल होने लगा।

जिस बग्गी ( ‘Buggy’ ) से राष्ट्रपति मुर्मू और इमैनुएल मैक्रों ने सफर किया उसे राष्ट्रपति के अंगरक्षकों ने सुरक्षा प्रदान की। बता दें कि राष्ट्रपति के अंगरक्षक भारतीय सेना की सबसे वरिष्ठ रेजिमेंट है। यह गणतंत्र दिवस इस विशिष्ट रेजीमेंट के लिए विशेष है क्योंकि ‘अंगरक्षक’ ने 1773 में अपनी स्थापना के बाद से 250 वर्ष की सेवा पूरी कर ली है।

फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में कर्तव्य पथ पर इस भव्य कार्यक्रम के गवाह बने। इसके साथ ही वह विश्व के उन चुनिंदा नेताओं की सूची में शुमार हो गए जिन्होंने पिछले सात दशकों में देश के सबसे बड़े समारोह की शोभा बढ़ाई है। यह छठा मौका था जब कोई फ्रांसीसी नेता गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बना है।

राष्ट्रपति के बुलेट प्रूफ गाड़ी में आने की रीत को साल 2014 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बदल दिया। करीब तीन दशक बाद वे बग्घी ( ‘Buggy’ ) में बैठकर 29 जनवरी को होने वाली बीटिंग रिट्रीट में शामिल होने पहुंचे थे।

15 अगस्त 1947 को देश की आजादी के समय दोनों देशों के बीच जमीन और सेना से लेकर हर चीज के बंटवारे को आसान बनाने के लिए प्रतिनिधि नियुक्ति किए गए। भारत के एच. एम. पटेल भारत के प्रतिनिधि थे, तो वहीं पाकिस्तान की तरफ से चौधरी मोहम्मद अली को प्रतिनिधि बनाया गया। हर चीज का बंटवारा जनसंख्या के आधार किया गया। राष्ट्रपति के अंगरक्षकों को 2:1 के अनुपात में बांटा गया। राष्ट्रपति की बग्घी ( ‘Buggy’ ) की जब बारी आई, दोनों देशों के बीच बीच बहस छिड़ गई।
समस्या को सुलझाने के लिए अंगरक्षकों के चीफ कमांडेंट ने एक सुझाव दिया। इस पर दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने सहमति जाहिर की। कमांडेंट ने बग्घी( ‘Buggy’ ) के सही हकदार के फैसले के लिए सिक्का उछालने को कहा। राष्ट्रपति बॉडीगार्ड रेजिमेंट के कमांडेंट लेफ्टिनेंट कर्नल ठाकुर गोविन्द सिंह और पाकिस्तान के याकूब खान के बीच टॉस हुआ। भारत ने टॉस जीत लिया और अब यह बग्घी राष्ट्रपति भवन की शान बनकर रही है।

Jaba Upadhyay

Jaba Upadhyay is a senior journalist with experience of over 15 years. She has worked with Rajasthan Patrika Jaipur and currently works with The Pioneer, Hindi.