Sunday, May 19, 2024

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Judge vs Judge: कलकत्ता हाईकोर्ट न्यायाधीशों के टकराव मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एकल और खंड पीठ में लंबित सुनवाइयों पर लगाई रोक

Supreme Court issues notice to West Bengal, stays all proceedings before Calcutta High Court single judge and a division bench

 (  ) ने   (  ) के न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय की ओर से साथी न्यायाधीश सौमेन सेन के खिलाफ लगाए गए ‘कदाचार’ के आरोपों पर स्वत: संज्ञान लिया है। मामले पर आज सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बंगाल सरकार को नोटिस भी जारी किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने  कलकता हाईकोर्ट  ( Calcutta High Court ) में एमबीबीएस प्रवेश अनियमितता जाति प्रमाणपत्र घोटाले केस में न्यायाधीशों के बीच के विवाद और तनातनी को थामने के लिए मामले में हस्तक्षेप किया है। शनिवार को छुट्टी वाले दिन सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने विशेष सुनवाई करते हुए जाति प्रमाणपत्र घोटाले में कलकत्ता हाई कोर्ट की एकल पीठ और खंडपीठ के समक्ष लंबित सुनवाई पर रोक लगा दी है।

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआइ को सौंपने के एकलपीठ के आदेश पर भी रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के मूल याचिकाकर्ता, पश्चिम बंगाल सरकार और सीबीआइ को नोटिस जारी करते हुए केस को सोमवार को फिर सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया। ये आदेश प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, संजीव खन्ना, बीआर गवई, सूर्यकांत और अनिरुद्ध बोस की पांच सदस्यीय पीठ ने सुनवाई के बाद दिये।

सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के एकल न्यायाधीश द्वारा दो सदस्यीय खंडपीठ के आदेश को अवैध करार दे अनदेखा करने के आदेश पर स्वत: संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे न्यायपालिका में अनुशासन से जुड़ा गंभीर मुद्दा मानते हुए पांच न्यायाधीशों की पीठ गठित की और छट्टी वाले दिन शनिवार को अर्जेन्ट सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट में लंबित सुनवाइयों पर अंतरिम रोक लगा दी।

सुप्रीम कोर्ट ने जिस मामले में स्वत: संज्ञान लिया है उसमें गुरुवार का  कलकता हाईकोर्ट  ( Calcutta High Court ) के एकल न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय का आदेश है जिसमें उन्होंने एमबीबीएस प्रवेश में अनियमितता और जाति प्रमाणपत्र घोटाले मामले में दो सदस्यीय खंडपीठ के आदेश को अवैध कहते हुए अनदेखी करने की घोषणा की थी और सीबीआइ को मामले की जांच करने का आदेश दिया था। इतना ही नहीं जस्टिस गंगोपाध्याय ने दो सदस्यीय खंडपीठ के एक न्यायाधीश के बारे में कुछ टिप्पणियां भी की थी जिससे कि एक अप्रिय स्थिति बन गई थी।

शनिवार को जैसे ही मामला सुनवाई पर आया पांच सदस्यीय पीठ की अगुवाई कर रहे प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूदड़ ने कहा कि वह हाई कोर्ट की एकल पीठ और खंडपीठ दोनों में लंबित सुनवाइयों पर रोक लगा रहे हैं और मामले पर सोमवार को फिर सुनवाई की जाएगी।

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हाई कोर्ट की खंडपीठ का अपील मैमो के बगैर मामले पर सुनवाई करना प्रक्रियात्मक रूप से ठीक नहीं था। मेहता ने इस संदर्भ में कोर्ट के समक्ष सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व आदेश का हवाला भी दिया। पीठ ने कहा कि वह इन सब चीजों पर विस्तृत सुनवाई के दौरान गौर करेगी।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि विशेष परिस्थितियां बन जाती हैं। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि वह एकल पीठ के न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय के 25 जनवरी के आदेश के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका दाखिल कर रहे हैं। पीठ ने उन्हें इसकी इजाजत दे दी। केंद्र की ओर से पेश तुषार मेहता ने कहा कि वैसे तो केंद्र सरकार इस मामले में किसी की ओर नहीं है लेकिन किसी मामले की सुनवाई की प्रक्रिया के संबंध में वह भी कुछ दाखिल करना चाहती है।

पीठ ने मेहता से कहा कि वह इस संबंध में एक नोट तैयार करके कोर्ट में दे सकते हैं। मामले में 29 जनवरी को फिर सुनवाई होगी। इस मामले में  कलकता हाईकोर्ट  ( Calcutta High Court ) की दो पीठों के बीच विवाद उस समय खुल कर सामने आया जब एकलपीठ के न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने जस्टिस सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय खंडपीठ के आदेश को अवैध और अनदेखा घोषित कर दिया और सीबीआई को जाति प्रमाणपत्र घोटाले की जांच के आदेश दिये।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels