नीतीश कुमार (Nitish Kumar ) ने रविवार शाम 5 बजे 9वीं बार बिहार (Bihar ) के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सम्राट चौधरी और नेता प्रतिपक्ष रहे विजय सिन्हा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है।इस दौरान जेपी नड्डा समेत भाजपा के और भी नेता मौजूद रहे।
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के सुप्रीमो नीतीश कुमार ((Nitish Kumar ) )एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री बन गए हैं। रविवार को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। इसके बाद विजय कुमार सिन्हा और सम्राट चौधरी ने उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इसके बाद डॉ. प्रेम कुमार, विजय चौधरी, विजेंद्र यादव, श्रवण कुमार, संतोष कुमार सुमन (हम) और निर्दलीय विधायक सुमित सिंह ने मंत्री के रूप में शपथ ली है।मंत्रियों में मुख्यमंत्री समेत 2 कुर्मी, 2 भूमिहार, 1-1 राजपूत, दलित, कहार, कोइरी और यादव हैं।
एनडीए के घटक दल हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने बेटे संतोष कुमार सुमन उर्फ संतोष मांझी ने भी मंत्री पद की शपथ ली। मांझी पिछले तीन दिन से काफी चर्चा में थे। इनकी पार्टी से केवल चार विधायक हैं।
निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह ने भी मंत्री पद की शपथ ली। 2020 के विधानसभा चुनाव में सुमित कुमार सिंह निर्दलीय विधायक चुने गए थे। इसके बाद वह एनडीए सरकार में मंत्री बने। फिर, महागठबंधन सरकार में भी मंत्री बने। अब फिर से एनडीए 2.0 में भी मंत्री ने हैं।
16 नवंबर, 1968 में जन्में सम्राट चौधरी बिहार के नए उप मुख्यमंत्री बन गए हैं। सम्राट चौधरी, शकुनी चौधरी के बेटे हैं। बिहार की राजनीति में शकुनी चौधरी बड़ा नाम रहे हैं। समता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शकुनी चौधरी भी एक हैं। बिहार में कुशवाहा समाज के बड़े नेताओं में शकुनी चौधरी शुमार किए जाते हैं। अब सम्राट चौधरी अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
साल 1990 में सक्रिय राजनीति में उतरने वाले सम्राट चौधरी ने अपने करियर की शुरुआत राष्ट्रीय जनता दल से की थी। साल 1999 में बिहार की राबड़ी सरकार में सम्राट चौधरी कृषि मंत्री भी रहे। हालांकि उनकी कम उम्र को लेकर विवाद हुआ और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। साल 2018 में सम्राट चौधरी ने राजद से नाता तोड़कर भाजपा की सदस्यता ली। भाजपा में आने के बाद से सम्राट चौधरी का राजनीतिक कद लगातार बढ़ता गया और पार्टी ने साल 2022 में उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया।
बीजेपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि नीतीश जी का वापस आना हमारे लिए हर्ष का विषय है। डबल इंजन की सरकार से बिहार का विकास होगा। नड्डा ने कांग्रेस की यात्रा और इंडी अलायंस पर पूरी तरह से फेल बताया।बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, “जहां थे वहीं फिर आ गए हैं और अब इधर-उधर जाने का कोई सवाल नहीं।”
सुशासन बाबू ने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में 9वीं बार शपथ लेकर खुद को एक ऐसे नेता के रूप में स्थापित किया है, जिन्होंने सबसे लंबे समय तक बिहार में शासन किया, जबकि उनकी पार्टी कभी भी अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं कर पाई।
नीतीश कुमार को पहली चुनावी सफलता 1985 के विधानसभा चुनाव में मिली थी। वह लोकदल के लिए हरनौत सीट जीतने में कामयाब रहे थे। पांच साल बाद, वह बाढ़ सीट (अब समाप्त कर दी गई) से सांसद चुने गए। इसके बाद, जब मंडल लहर अपने चरम पर थी तब नीतीश ने जॉर्ज फर्नांडीस के साथ मिलकर समता पार्टी बनाई, जो बाद में जनता दल (यूनाइटेड) में तब्दील हो गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में बनी नई सरकार को बधाई दी और एक्स पर पोस्ट किया, ”बिहार में बनी एनडीए सरकार राज्य के विकास और यहां के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी। नीतीश कुमार जी को मुख्यमंत्री और सम्राट चौधरी जी एवं विजय सिन्हा जी को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर मेरी बहुत-बहुत बधाई। मुझे विश्वास है कि यह टीम पूरे समर्पण भाव से राज्य के मेरे परिवारजनों की सेवा करेगी।”
बिहार में बनी एनडीए सरकार राज्य के विकास और यहां के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी। @NitishKumar जी को मुख्यमंत्री और सम्राट चौधरी जी एवं विजय सिन्हा जी को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर मेरी बहुत-बहुत बधाई।
मुझे विश्वास है कि यह टीम पूरे…
— Narendra Modi (@narendramodi) January 28, 2024
#WATCH | Nitish Kumar takes oath as Bihar CM for the 9th time after he along with his party joined the BJP-led NDA bloc.#BiharPolitics pic.twitter.com/v9HPUQwhl3
— ANI (@ANI) January 28, 2024