केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitharaman) ने नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतरिम बजट पेश किया। लोकसभा में बजट भाषण पढ़ते हुए वित्त मंत्री ने कई बड़ी बातें कहीं। वित्त मंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य देश के अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाना है। पिछले 10 साल से हम इसके लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने लोगों के विकास के लिए लाखों करोड़ों की योजनाएं चलाई हैं और आगे भी चलाते रहेंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitharaman)ने बजट में इनकम टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया है। उन्होंने कहा कि काफी पुराने टैक्स मामलों को सरकार वापस लेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले 10 साल से अधिक समय में टैक्स कलेक्शन दोगुना हो गया है। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा, ‘राजस्व घाटे का टार्गेट बजट अनुमान के 5.9 फीसदी की तुलना में 5.8 फीसदी आंका गया है।’ वित्त मंत्री ने एक्सपोर्ट ड्यूटीज सहित डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स के लिए पिछली टैक्स दरों को ही बनाए रखने का प्रस्ताव रखा है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitharaman)ने बजट पेश करने के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह सिर्फ चुनावों से पहले पेश किया गया अंतरिम बजट है। उन्होंने कहा कि इस बजट में देश की जीडीपी (GDP) यानी गवर्नेंस (Governance), विकास (Develpment) और प्रदर्शन (Performance) की जानकारी दी गई है। गवर्नेंस की बात करें तो यह बजट उन क्षेत्रों की ओर हमारा ध्यान खींचता है जहां हमने विकास किया है।
हमने अर्थव्यवस्था को सही इरादों, सही नीतियों और सही निर्णयों के साथ प्रबंधित किया है। D यानी डेवलपमेंट विकास) की बात करें तो लोग बेहतर ढंग से रह रहे हैं और बेहतर कमाई कर रहे हैं। भविष्य के लिए उनकी उच्च आकांक्षाएं है। वित्त मंत्री ने कि ‘पी’ यानी परफॉर्मेंस की बात करें तो लगातार तीन वर्षों में 7% वृद्धि दर हासिल की गई है। हमारा देश जी-20 में तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और देश के सभी हिस्से विकास में अपना योगदान दे रहे हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण( Nirmala Sitharaman) ने कहा कि,चुनौतियों के बावजूद “बजट घाटा या राजकोषीय घाटा 5.8% है जो 5.9 से कम है। इसी तरह, हमनें 2024-25 के बजट के लिए, हमने राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 5.1% कर दिया है। वित्त मंत्री के अनुसार आंकड़े स्पष्ट रूप से संकेत दे रहे हैं कि हम 2021-22 में निर्धारित लक्ष्य जिसके तहत वित्त वर्ष 26 तक राजकोषीय घाटे को 4.5% या उससे भी कम किया जाना है, हासिल करने के रास्ते पर है।