लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ( TMC ) को एक बड़ा झटका लगा है।वरिष्ठ विधायक तापस रॉय ( Tapas Roy )ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने से पहले उन्होंने संदेशखाली मुद्दे से निपटने के तरीके पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने इसी दौरान लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी छोड़ने के संकेत भी दिए थे।
विधानसभा में टीएमसी के डिप्टी चीफ ऑफ व्हिप ने पार्टी की आलोचना भी की। उन्होंने बताया कि जनवरी में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जब उनके आवास पर छापेमारी की, तब पार्टी उनके साथ नहीं थी। तापस रॉय ( Tapas Roy )ने कहा, “पार्टी की कार्यप्रणाली से निराश हूं। मैं पार्टी और सरकार के खिलाफ लगे इतने सारे भ्रष्टाचार के आरोपों से तंग आ गया था। दूसरी बात ये कि जिस तरह से संदेशखाली मुद्दे को संभाला गया, मैं उसका समर्थन नहीं करता हूं।”
टीएमसी के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष और ब्रत्य बसु उन्हें मनाने के लिए आज सुबह उनके आवास पर पहुंचे। उनका उत्तरी कोलकाता के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय से विवाद भी चल रहा था। तापस रॉय ( Tapas Roy )ने कहा, “मैं पिछले 25 वर्षों से पार्टी का एक ईमानदार नेता रहा हूं, लेकिन मुझे मेरा हक कभी नहीं मिला।” इस्तीफा के बाद जब उनसे भाजपा में शामिल होने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने फिलहाल इसपर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
तापस रॉय ( Tapas Roy )बंगाल के बारानगर से TMC के विधायक हैं। वे 5 बार विधायक के रूप में चुने गए हैं। तापस बंगाल में योजना और सांख्यिकी राज्य मंत्री थे। उन्होंने कोलकाता नगर निगम के पार्षद के रूप में अपना करियर शुरू किया था। वे छात्र नेता भी रह चुके हैं।
तृणमूल कांग्रेस को 3 दिन में ये दूसरा बड़ा झटका है। इससे पहले पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने 1 मार्च को पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा था कि वो प्रवक्ता और महासचिव के पद पर नहीं रहना चाहते। वो सिस्टम में फिट नहीं बैठ रहे हैं।
इस्तीफे के बाद उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपना बायो बदलकर सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार कर दिया। हालांकि कुणाल घोष ने कहा था कि वे पार्टी नहीं छोड़ रहे हैं। अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने ममता बनर्जी को अपना लीडर बताया था।