Sunday, May 19, 2024

Elections, INDIA, Law, Lok Sabha Election 2024, News

ईवीएम पर सवाल उठाने वालों को बड़ा झटका,सुप्रीम कोर्ट ने बैलट पेपर से चुनाव कराने और ईवीएम के वोटों की वीवीपैट पर्चियों से 100 फीसदी मिलान संबंधी सभी याचिकाएं की खारिज

Supreme Court rejects pleas for 100% verification of EVM votes with VVPAT slips, return to paper ballots

 (  ) ने शुक्रवार को ने बैलट पेपर से चुनाव कराने और ईवीएम के वोटों की वीवीपैट पर्चियों से 100 फीसदी मिलान संबंधी याचिकाओं को खारिज कर दिया। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि किसी भी प्रणाली पर आंख मूंदकर संदेह करना किसी भी व्यवस्था के प्रति शक पैदा कर सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के वोटों का वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों से 100 फीसदी सत्यापन की मांग वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दीं। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की दो जजों की पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया। कोर्ट ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग भी खारिज कर दी। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि उम्मीदवार चाहे तो चुनाव परिणाम घोषित होने के सात दिन के भीतर रिजल्ट की दोबारा जांच की मांग कर सकता है। ऐसी स्थिति में माइक्रो कंटोलर की मेमोरी की जांच इंजीनियर के द्वारा की जाएगी।

पीठ ने कहा कि ‘संतुलित परिपेक्ष महत्वपूर्ण है। आंख मूंदकर किसी भी व्यवस्था पर संदेह करना उस व्यवस्था के प्रति शक पैदा कर सकता है। सार्थक आलोचना करने की जरूरत है फिर चाहे वो न्यायपालिका हो या फिर विधायिका। लोकतंत्र, सभी स्तंभों के बीच सद्भाव और विश्वास कायम रखने के बारे में है। विश्वास और सहयोग की संस्कृति को बढ़ावा देकर हम अपने लोकतंत्र की आवाज को मजबूत कर सकते हैं।’ सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम संबंधी याचिकाओं को खारिज करने के साथ ही चुनाव आयोग के लिए भी दो निर्देश जारी किए हैं। जिसके पहले निर्देश के तहत कोर्ट ने कहा है कि चुनाव आयोग को ईवीएम में चुनाव चिन्ह लोड करने के बाद चुनाव चिन्ह लोडिंग यूनिट को सील करके सुरक्षित जगह पर रखना चाहिए। इन सील कंटेनर्स को चुनाव नतीजे घोषित होने के 45 दिन बाद तक ईवीएम के साथ ही सुरक्षित स्टोर रूम में रखना चाहिए।

अदालत ने ये भी निर्देश दिया कि निर्वाचन सीट पर चुनाव के बाद पांच प्रतिशत ईवीएम मशीनों, जिनमें ईवीएम के साथ कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट और वीवीपैट भी शामिल हो, उनके इस्तेमाल हुए मेमोरी सेमीकंट्रोलर्स, ईवीएम बनाने वाली कंपनी के इंजीनियर्स द्वारा चेक किए जाएं। दूसरे और तीसरे नंबर पर रहने वाले उम्मीदवारों की लिखित मांग पर जांच हो सकती है। चुनाव नतीजे घोषित होने के सात दिनों के भीतर यह मांग की जा सकती है। जांच की मांग करने वाले उम्मीदवार को ही इसकी लागत वहन करनी होगी और अगर ईवीएम में छेड़छाड़ का आरोप सही साबित हुआ तो चुनाव आयोग को उम्मीदवार को लागत के पैसे लौटाने होंगे।

सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) में याचिकाएं दायर कर ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीन लगाने और ईवीएम वोटों की वीवीपैट पर्चियों से 100 फीसदी मिलान करने की मांग की गई थी। अभी ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों का मिलान हर सीट पर किन्हीं भी पांच ईवीएम मशीनों के साथ ही किया जाता है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह चुनाव को नियंत्रित करने वाली अथॉरिटी नहीं हैं और न ही एक संवैधानिक संस्था चुनाव आयोग को आदेश दे सकते हैं। एनजीओ एडीआर की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए वकील प्रशांत भूषण द्वारा ईवीएम पर सवाल उठाने पर कोर्ट ने पिछली सुनवाई में कहा कि ‘आप पहले से ही मन बना चुके हैं तो हम इसमें आपकी मदद नहीं कर सकते। हम यहां आपकी सोचने की प्रक्रिया को बदलने के लिए नहीं हैं।’
सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) के फैसले के दौरान    ( )  बिहार के अररिया में चुनावी सभा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का फैसला विपक्ष के मुंह पर करारा तमाचा है। विपक्ष को देश से माफी मांगनी चाहिए। इन्होंने बैलेट पेपर लूटकर राज किया। ये EVM हटाना चाहते हैं, इनके सपने चूर-चूर हो गए।

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels

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