दिल्ली ( Delhi ) में लोकसभा चुनाव से ठीक 28 दिन पहले कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली (Arvinder Singh Lovely)ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को चिट्ठी लिखकर इस्तीफे की वजह बताई है।उन्होंने इस फैसले की वजह लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन को बताया है।
अरविंदर सिंह लवली (Arvinder Singh Lovely) ने 4 पेज की चिट्ठी खड़गे को भेजी है। इसमें उन्होंने लिखा- दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के आधार पर बनी थी। इसके बावजूद, पार्टी ने दिल्ली में AAP के साथ गठबंधन करने का फैसला किया।
अरविंदर सिंह लवली (Arvinder Singh Lovely) ने अपने चार पेज के इस्तीफे में पार्टी के दिल्ली प्रभारी दीपक बाबरिया पर बड़े आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, “प्रभारी ने मुझे पंगु बना रखा है, वह मुझे पार्टी नहीं चलाने दे रहे हैं। मेरी सलाह पर कोई नियुक्ति नहीं की जाती है। प्रदेश कांग्रेस की रजामंदी नहीं होने पर भी आप के साथ गठबंधन किया गया।”
उन्होंने आगे कहा कि तीन सीटों के प्रत्याशियों को चुनने में भी प्रदेश इकाई की सहमति नहीं ली गई। उत्तर पूर्वी और उत्तर पश्चिमी दिल्ली से कन्हैया कुमार और उदित राज को स्थानीय उम्मीदवारों को दरकिनार कर टिकट दिया गया। पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के विरोध और उनकी भावनाओं की भी उपेक्षा की जा रही है।
दिल्ली की दो सीटों पर बाहरी व्यक्ति को लेकर अरविंदर सिंह लवली (Arvinder Singh Lovely)का निशाना कन्हैया कुमार और उदित राज पर था। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों के ऐलान से पहले सूचित नहीं किया गया। लवली ने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस प्रवक्ता की नियुक्ति से रोका गया। इस तरह के कई कारण हैं, जिसके चलते उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। उत्तर-पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को चुनावी मैदान में उतारा है, तो वहीं उत्तरी पश्चिमी दिल्ली से उदित राज को टिकट दिया है।
लवली दिल्ली में टिकट बंटवारे से नाराज हैं। कांग्रेस ने 31 अगस्त 2023 को उन्हें दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया था। लवली शीला दीक्षित की सरकार में 15 साल तक परिवहन और शिक्षा समेत कई मंत्रालय संभाल चुके हैं। दिल्ली के सिख समुदाय में उनकी अच्छी पैठ है।
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे के बाद कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित सहित पार्टी के कई नेता उनके आवास पर पहुंचे। लवली से मुलाकात के बाद संदीप दीक्षित सभी नेताओं के साथ बाहर आए। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात की। उनकी बात से पार्टी को लेकर पीड़ा दिखी और उन्होंने कहा कि पार्टी इस समय संघर्ष के दौर से गुजर रही है।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस अध्यक्ष और कांग्रेस का कार्यकर्ता होकर उनमें (अरविंदर सिंह लवली) एक व्यक्तिगत पीड़ा है। उनकी पीड़ा है कि दिल्ली में हम अपनी पुरानी साख को लाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कांग्रेस का अध्यक्ष बनना कांटों का ताज है। इसके बावजूद पिछले 6-8 महीने में उन्होंने मेहनत करके पार्टी खड़ी की। सबको ये लगा था कि धीरे-धीरे कांग्रेस जागृत हो रही है और जब हमें 2 या 3 सीटें मिलती है तो ऐसा लगता है कि अगर हम कांग्रेस के सभी लोगों की सहमति के साथ लोगों को सीट दें तो आगे गाड़ी बेहतर चलेगी।”
अरविंदर सिंह लवली (Arvinder Singh Lovely) 15 साल तक रही शीला दीक्षित सरकार में शिक्षा से लेकर पर्यटन मंत्रालय की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। 2017 में नगर निगम चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि, महज एक साल के भीतर ही उन्होंने पार्टी में घर वापसी कर ली थी। कांग्रेस में वापसी करते हुए लवली ने कहा था- मैं वैचारिक रूप से वहां मिसफिट था।
Arvinder Singh Lovely resigns from the position of Delhi Congress president.
“The Delhi Congress Unit was against an alliance with a Party which was formed on the sole basis of leveling false, fabricated and malafide corruption charges against the Congress Party. Despite that,… https://t.co/Y1A360fuut pic.twitter.com/hLP9RtnzUE
— ANI (@ANI) April 28, 2024
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