बलराम के परिजनों ने बताया कि लड़की के घरवालों ने उनके बेटे को अपने घर बुलाया था और गला घोंटकर मार डाला। वहीं गांव में चर्चा है कि रविवार सुबह पिता ने दोनों को घर में एक साथ देख लिया था।, इसलिए गुस्से में आकर हत्या कर दी।
बागपत (Baghpat) के जोनमाना गांव के रहने वाले पुष्पेंद्र (50) के 1 बेटा और 2 बेटी थे। रविवार सुबह पुष्पेंद्र अपने बड़ी बेटी और बेटे के साथ गांव से बड़ौत गया था। उसकी पत्नी किसी काम से घर से बाहर गई थी। छोटी बेटी दृष्टि घर पर अकेली थी। इसी बीच बलराम उसके घर आ गया।
वहीं, कुछ देर बाद पुष्पेंद्र भी अपने दोनों बच्चों को बड़ौत छोड़कर वापस घर आ गया। घर आते ही पुष्पेंद्र ने दृष्टि और बलराम को कमरे में आपत्तिजनक हालत में देख लिया। इससे नाराज होकर दोनों को घर में ही रस्सी से गला घोंटकर मार डाला।

थोड़ी देर बाद जब दृष्टि की मां घर आई, तो दोनों बेटी और बलराम के शव देखकर चीख पड़ी। शोर सुनकर आस-पास के लोग मौके पर पहुंच गए। इसी बीच पुलिस को सूचना दी गई।
मृतक बलराम की भाभी नेहा ने बताया- बलराम सुबह घर पर था। कुछ लोग करीब 9 बजे मेरे घर आए और बलराम को बुलाकर ले गए। उसके 1 घंटे बाद पता चला कि मोहल्ले में पुलिस आई है। बलराम की फांसी लगाकर हत्या कर दी गई है। मेरा देवर पढ़ने में होशियार था। अक्सर घर पर ही रहता था और टीवी देखने के अलावा पढ़ाई करता था।
वह नौकरी की तैयारी के लिए कोचिंग भी करता था, लेकिन आज रविवार के चलते छुट्टी थी। देवर पर झूठे इल्जाम लगाए हैं। लड़की से अफेयर जैसी कोई बात नहीं थी। मेरी शादी के 2 साल हो चुके हैं, मैंने ऐसा कभी नहीं देखा। बलराम का व्यवहार बहुत अच्छा था। आरोपियों को कड़ी सजा होनी चाहिए, तभी न्याय मिलेगा।
बेटे की मौत की खबर सुन कर बलराम की मां सुनीता का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने आरोप लगाया है कि मेरे बेटे को दृष्टि के घर वाले बुला कर ले गए, फिर मार डाला। मुझे नहीं पता था कि बेटे को बुलाकर ले जा रहे हैं। अब उसके मौत की खबर आएगी।