इलाहाबाद हाईकोर्ट ( Allahabad High Court) ने आगरा के थाना नाई की मंडी में दर्ज धोखाधड़ी और शस्त्र अधिनियम ( Agra arms license fraud case )से जुड़े एक मामले में याचिकाकर्ता भूपेंद्र सारस्वत और अन्य की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने मामले को विचारणीय मानते हुए राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अनिल कुमार की खंडपीठ ने दिया है।
याचियों पर पुलिस स्टेशन नाई की मंडी में 24 मई 2025 को धोखाधड़ी, शस्त्र अधिनियम की धाराओं सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया गया था। याचियों ने मुकदमे को रद्द करने और गिरफ्तार न करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ( Allahabad High Court) में याची अधिवक्ता ने दलील दी कि भूपेंद्र सारस्वत के पास हमेशा उसका मूल लाइसेंस था। वहीं, शिवकुमार सारस्वत का लाइसेंस वर्ष 2003 में जारी किया गया था, जो वर्ष 2017 में खो गया था। इसके बाद चार जुलाई 2018 को एक डुप्लीकेट लाइसेंस जारी किया गया।
उन्होंने यह भी तर्क दिया कि यदि जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय के रिकॉर्ड में लाइसेंस के नवीनीकरण को नहीं दर्शाया गया है तो यह याचियों की जिम्मेदारी नहीं है। कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद राज्य सरकार को जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया।
इसके साथ ही याची को प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ( Allahabad High Court) ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई की तारीख या पुलिस रिपोर्ट प्रस्तुत करने तक (जो भी पहले हो) याचिकाकर्ताओं को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।