यात्री आमतौर पर रोडवेज बस में यात्रा करना पसंद करते हैं। क्योंकि रोडवेज बस सरकारी द्वारा निर्धारित किराया वसूलती हैं और समय से गंतव्य पर पहुंचाती हैं। लेकिन कुछ डग्गामार बस मालिक मोटे मुनाफे के लालच में यात्रियों को धोखा दे रहे हैं। अपनी बसों को रोडवेज के रंग में रंगकर सड़क पर दौड़ा रहे हैं।रोडवेज बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों को गुमराह करने के लिए शातिरों ने रोडवेज के रंग वाली बस पर उत्तर प्रदेश परिवहन के स्थान पर उत्तर प्रदेश ‘परिवार’ लिखवा रखा है। पहली नजर में यात्री इसका अंतर नहीं समझ पाते और इन डग्गेमार बसों में सवार हो जाते हैं।
उत्तर प्रदेश व हरियाणा की रोडवेज बसों के रंग में रंगी निजी डग्गेमार बसों का धरपकड़ अभियान आगरा में शुरू कर दिया गया है अब तक 12 निजी बसों को पकड़कर सीज कर दिया गया है। निजी डग्गेमार बस संचालक यूपी रोडवेज और हरियाणा रोडवेज की बसें यात्रियों के बीच दर्शाकर बड़े पैमाने पर डग्गेमारी कर रह रहे हैं। यात्री रोडवेज की बस समझकर इनमें सवार हो जाते हैं।
यात्रियों को झांसा देने के लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा परिवहन निगम की बसों जैसा रंग करके संचालित की जा रही डग्गामार बसों की धर पकड़ के लिए आरटीओ के प्रवर्तन दलों ने अभियान चलाया, टीमों ने 11 बसों को पकड़ा है।
शहर के आईएसबीटी, भगवान टाकीज, ईदगाह, बिजलीघर, रामबाग और यमुना एक्सप्रेस वे पर डग्गेमार बसें संचालित हो रही हैं, इन बसों का रंग रूप परिवहन निगम की बसों की तर्ज पर किया गया है, इससे ज्यादातर लोग इन्हें भी रोडवेज बस समझकर इनमें सवार हो जाते हैं। ईदगाह बस स्टैंड से धौलपुर, जयपुर के लिए भी इसी तरह की प्राइवेट बसें चल रही हैं। रोडवेज अधिकारियों ने इन बसों पर अंकुश लगाने के लिए आरटीओ को पत्र लिखा था। गुरूवार को प्रवर्तन दल के सदस्यों ने फरह, भगवान टाकीज और फतेहाबाद रोड पर 11 डग्गेमार बसों को पकड़ा, इनमें पांच को सीज किया गया है। एक बस का दो साल से परमिट ही नहीं था। इधर आरटीओ में गुरूवार की दोपहर को एसएसपी के छापा मारने की अफवाह फैल गयी, इस पर कार्यालय से दलाल भगा दिये गये।
।