प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत में स्वच्छता की दिशा में किए गए महत्वपूर्ण सुधार और उनके नेतृत्व के लिए बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने बुधवार तड़के (भारतीय समयानुसार) प्रतिष्ठित ‘ग्लोबल गोलकीपर अवॉर्ड’ से सम्मानित किया। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के उच्च स्तरीय सत्र में भाग लेने के लिए अमेरिका दौरे पर हैं। फाउंडेशन ने 24 सितंबर को चौथे वार्षिक ‘गोलकीपर्स ग्लोबल गोल्स अवार्ड्स’ का आयोजन किया।
न्यूयॉर्क में आयोजित ग्लोबल गोलकीपर अवॉर्ड कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, यह सम्मान केवल मेरा सम्मान नहीं, बल्कि करोड़ों भारतवासियों का सम्मान है जिन्होंने स्वच्छ भारत का सपना न केवल पूरा किया बल्कि इसे अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भारतीय थे, लेकिन वह केवल भारत के नहीं थे और यह मंच इसका जीवंत उदाहरण है। मोदी ने कहा, ‘आप कल्पना कर सकते हैं कि जिनसे गांधी जी कभी मिले नहीं, वे भी उनके जीवन से कितना प्रभावित रहे। मार्टिन लूथर किंग जूनियर हों या नेल्सन मंडेला, उनके विचारों का आधार महात्मा गांधी थे, गांधी जी की सोच थी।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि आज लोकतंत्र की परिभाषा का एक सीमित अर्थ रह गया है कि जनता अपनी पसंद की सरकार चुने और सरकार जनता की अपेक्षा के अनुसार काम करे, लेकिन महात्मा गांधी ने लोकतंत्र की असली शक्ति पर बल दिया। उन्होंने वह दिशा दिखाई जिसमें लोग शासन पर निर्भर न हों और स्वावलंबी बनें।
फाउंडेशन ने बताया कि मोदी को 2019 का ‘ग्लोबल गोलकीपर अवार्ड प्रदान किया गया है। फाउंडेशन के अनुसार इस पुरस्कार का उद्देश्य ऐसे राजनीतिक नेता को ”विशेष सम्मान प्रदान करना है, जिन्होंने अपने देश में या विश्व स्तर पर प्रभावशाली कार्यों के माध्यम से ‘ग्लोबल गोल्स के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्वच्छ भारत मिशन में उनके नेतृत्व के लिए सम्मानित किया गया, जिसे उन्होंने 2 अक्टूबर 2014 को शुरू किया था। महत्त्वाकांक्षी मिशन का लक्ष्य देशभर में स्वच्छता को बढ़ावा देना है। इस मिशन का उद्देश्य महात्मा गांधी को उनकी 150 वीं जयंती पर श्रद्धांजलि स्वरूप देश में सार्वभौमिक स्वच्छता कवरेज को हासिल करने के प्रयासों में तेजी लाना है।
दो अक्टूबर, 2019 तक खुले में शौच को खत्म करने के लिए अब तक 9 करोड़ शौचालय बनाए गए हैं और वर्तमान में ग्रामीण स्वच्छता कवरेज भारत के 98 प्रतिशत गांवों तक पहुंच गया है, जो चार साल पहले तक महज 38 प्रतिशत ही था।
गौरतलब है कि सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण एशियाई मूल के अमेरिकियों के एक प्रमुख समूह ने मानवाधिकार के कथित हनन का हवाला देते हुये फाउंडेशन को एक खुला पत्र लिखकर इस पुरस्कार की आलोचना की और फाउंडेशन से इसे वापस लेने का आग्रह किया था। सीएनएन को दिए एक बयान में, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा, ”स्वच्छ भारत मिशन से पहले, भारत में 50 करोड़ से अधिक लोगों को स्वच्छता तक पहुंच नहीं थी और अब, उनमें से अधिकांश स्वच्छता के दायरे में आ गए हैं। अभी भी लंबा रास्ता तय करना है, लेकिन भारत में स्वच्छता अभियान के प्रभाव पहले से ही दिख रहे हैं।
फाउंडेशन ने बयान में कहा, ”स्वच्छ भारत मिशन दुनिया भर के अन्य देशों के लिए एक उदाहरण के तौर पर काम कर सकता है, जिन्हें दुनिया भर में गरीब लोगों के लिए स्वच्छता में सुधार करने की तत्काल आवश्यकता है। गेट्स फाउंडेशन के बयान में कहा गया, ”हम उन विशिष्ट मुद्दों पर काम करते हैं, जहां हमें लगता है कि हम दुनिया के सबसे गरीब लोगों के जीवन में सबसे अधिक बदलाव ला सकते हैं।