झारखंड हाईकोर्ट ने शनिवार को चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता बिहार (Bihar )के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद ( RJD ) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ( Lalu Prasad Yadav) को जमानत दे दी। लालू अब जेल से साढ़े तीन साल बाद बाहर आ जाएंगे। झारखंड उच्च न्यायालय ने आधी सजा पूरी करने के आधार पर लालू प्रसाद यादव को सशर्त जमानत प्रदान की है। इस दौरान उन्हें एक लाख के निजी मुचलके का बांड भरना होगा। उच्च न्यायालय ने निर्देश दिए हैं कि लालू यादव बिना अनुमति के वे देश से बाहर नहीं जाएंगे और ना ही अपना पता और मोबाइल नंबर बदलेंगे।
झारखंड हाईकोर्ट ( Jharkhand High Court )में लालू प्रसाद की जमानत को लेकर मामला नौ अप्रैल को भी सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था, लेकिन सीबीआई ने जवाब दाखिल करने के लिए अदालत से समय मांगा था। लेकिन शनिवार को हुई सुनवाई में लालू यादव को जमानत दी गई है। फिलहाल, राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष का दिल्ली के एम्स में इलाज चल रहा है।
लालू प्रसाद ( Lalu Prasad Yadav) के खिलाफ झारखंड में पांच मामले चल रहे थे। अबतक तीन मामलों में उन्हें जमानत मिल चुकी है। और आज चौथे मामले में भी उन्हें नियमित जमानत मिल गयी है। अब कुल चार मामलों में लालू यादव को जमानत मिल चुकी है। पांचवा मामला डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित है जिसपर सीबीआई कोर्ट में सुनवाई अभी चल रही है। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने लालू प्रसाद को एक लाख के निजी मुचलके, दस लाख जुर्माना जमा करने का निर्देश दिया है। लालू प्रसाद को अपना पासपोर्ट जमा करना होगा। बिना कोर्ट की अनुमति के वे विदेश नहीं जा सकेंगे। उन्हें अपना मोबाइल नंबर और पता भी नहीं बदलने का निर्देश अदालत ने दिया है।
लालू प्रसाद ( Lalu Prasad Yadav) की ओर से पक्ष रखते हुए वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत को बताया कि सीबीआई कोर्ट ने उन्हें सात साल की सजा सुनायी है। प्रसाद ने छह अप्रैल को ही 42 माह जेल में काट लिए हैं। उनकी आधी सजा पूरी हो गयी है। इस कारण उन्हें जमानत प्रदान की जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने भी आधी सजा पूरी करने के बाद जमानत प्रदान करने का कई मामलों में आदेश दिया है।