आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी( Atal Bihari Vajpayee ) की पांचवीं पुण्यतिथि ( death anniversary ) है।इस मौके पर देश अटल बिहारी वाजपेयी को नम आखों से याद कर रहा है।दिल्ली में ‘सदैव अटल’ ( Sadaiv Atal )स्मृति स्थल पर पर आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। उनके साथ ही उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी पूर्व पीएम की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।
इन सभी नेताओं के अलावा लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला,केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी श्रद्धांजलि दी। फिलहाल बड़े नेताओं के आने का सिलसिला अभी जारी है। बता दें 16 अगस्त, 2018 को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया था।
मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, अटल बिहारी( Atal Bihari Vajpayee ) ने देश के विकास को गति देने में बड़ी भूमिका निभाई है। वाजपेयी के नेतृत्व में देश को बहुत लाभ मिला है। वह 21वीं सदी में देश को आगे ले गए। विलक्षण अटल जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने में 140 करोड़ भारतीयों के साथ हूं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ( Atal Bihari Vajpayee ) की पुण्यतिथि पर ‘सदैव अटल’ स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने भी अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर ‘सदैव अटल’ स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की पालक बेटी नमिता कौल भट्टाचार्य ने भी उनकी पुण्यतिथि पर ‘सदैव अटल’ स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।

एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल, केंद्रीय मंत्री और अपना दल (सोनीलाल) की नेता अनुप्रिया पटेल और हम नेता जीतन राम मांझी सहित अन्य एनडीए नेताओं ने अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर ‘सदैव अटल’ स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि देने के बाद केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा, विपक्ष हताश और निराश है। उन्हें पता है कि 2024 में भी देश की जनता उन पर भरोसा नहीं करेगी और सत्ता में वापसी की कोई गुंजाइश नहीं है। इसलिए निराश विपक्ष कुछ भी बोल रहा है। लेकिन देश की जनता पीएम मोदी के नेतृत्व पर पूरा भरोसा करती है और 2024 में एनडीए हैट्रिक बनाएगी।
1924 में ग्वालियर में जन्मे वाजपेयी दशकों तक भाजपा का चेहरा रहे और वह पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया था। साल 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) ने महज 13 दिन में ही प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि वह 1998 में दोबारा प्रधानमंत्री के पद के लिए चुने गए। फिर तीसरी बार 1999 से 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। तब उन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। अटल बिहारी वाजपेयी 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में लखनऊ से लोकसभा के लिए चुने गए थे। 16 अगस्त को दिल्ली के एम्स अस्पताल में उनका निधन हो गया था।
उनकी गिनती देश की सियासत के उन चंद नेताओं में होती है जो कभी दलगत राजनीति के बंधन में नहीं बंधे। उन्हें हमेशा ही सभी पार्टियों से भरपूर प्यार व स्नेह मिला। देश के तमाम नेता और जनता आज उनको याद कर रही है।
I join the 140 crore people of India in paying homage to the remarkable Atal Ji on his Punya Tithi. India benefitted greatly from his leadership. He played a pivotal role in boosting our nation’s progress and in taking it to the 21st century in a wide range of sectors.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 16, 2023
#WATCH | Delhi: Prime Minister Narendra Modi pays floral tribute at 'Sadaiv Atal' memorial on former PM Atal Bihari Vajpayee's death anniversary. pic.twitter.com/sKhGiQAY2s
— ANI (@ANI) August 16, 2023