पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर ( Manipur ) में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच 3 मई से जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। दो लापता छात्रों की हत्या को लेकर प्रदर्शनकारी विरोध कर रहे हैं। उधर, 27 सितंबर को भीड़ ने थाउबल जिले( Thoubal district ) में भाजपा के ऑफिस में आग लगा दी। इसके अलावा इंफाल में भाजपा की प्रदेश अध्यक्ष शारदा देवी के घर पर भी तोड़फोड़ की।
मणिपुर ( Manipur ) पुलिस ने बुधवार को प्रेस नोट जारी कर बताया कि राज्य में बीते 24 घंटे में माहौल तनावपूर्ण रहा, लेकिन हालात पर कंट्रोल किया गया। हिंसा से जुड़ी घटनाओं को लेकर 1697 लोगों को हिरासत में लिया गया है। छात्रों की हत्या केस की जांच के लिए विशेष निदेशक अजय भटनागर के नेतृत्व में सीबीआई की एक विशेष टीम बुधवार को इंफाल पहुंची।
राजधानी इंफाल सहित कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झड़प हुई। पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले, नकली बम फेंके। साथ ही पैलेट गन भी चलाई। इसमें कई स्टूडेंट घायल हो गए। वहीं, एक छात्र के सिर में छर्रे घुसने से उसकी हालत गंभीर है।
मणिपुर ( Manipur ) मुख्यमंत्री सचिवालय के एक अधिकारी ने कहा कि यह राज्य सरकार के संज्ञान में आया है कि मारे गए छात्रों की पहचान फिजाम हेमजीत (20) और हिजाम लिनथोइंगंबी (17) के रूप में हुई है। वे 6 जुलाई से लापता थे। उनकी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सोमवार को सामने आई थीं। दोनों छात्रों की हत्या के विरोध में सैकड़ों छात्र पिछले दो दिनों से इंफाल और राज्य के अन्य इलाकों में आंदोलन कर रहे हैं। दो दिनों में आंदोलन के दौरान लड़कियों सहित कम से कम 100 छात्र घायल हो गए हैं, क्योंकि सुरक्षा बलों ने उन्हें मुख्यमंत्री के बंगले की ओर मार्च करने से रोक दिया था। सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारी छात्रों को तितर-बितर करने के लिए आंसूगैस के गोले और धुआं बम का इस्तेमाल किया।

संभावित हिंसा की आशंका में मणिपुर ( Manipur ) पुलिस, सीआरपीएफ और रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों को इंफाल घाटी में बड़ी संख्या में तैनात किया गया है। मणिपुर में जातीय हिंसा के चरम के दौरान 6 जुलाई को सत्रह वर्षीय छात्रा हिजाम लिनथोइनगांबी और 20 वर्षीय फिजाम हेमजीत लापता हो गए थे। उनके परिवारों को संदेह था कि उन्हें सशस्त्र हमलावरों ने मार डाला है। दोनों मृतक छात्र बिष्णुपुर जिले के रहने वाले थे। छात्रों के आंदोलन को देखते हुए राज्य सरकार ने राज्य के सभी स्कूलों को 29 सितंबर तक बंद कर दिया है।
राज्य सरकार ने अफवाह फैलाने से रोकने के लिए मंगलवार को शाम 7.45 बजे 1 अक्टूबर तक मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर भी प्रतिबंध फिर से लगा दिया। 3 मई को जातीय दंगे शुरू होने के बाद चार महीने से अधिक समय तक इंटरनेट पर लगा प्रतिबंध 23 सितंबर को हटा दिया गया था।
बता दें कि मणिपुर को अगले 6 महीने के लिए अशांत क्षेत्र घोषित किया गया है। इस दौरान वहां आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर्स एक्ट (अफस्पा) भी लागू रहेगा। हालांकि, इंफाल वैली के आसपास के 19 पुलिस स्टेशनों के इलाकों को इससे अलग रखा गया है।
An unruly crowd tried to attack the house of a political leader, the joint security forces repelled the crowd by firing tear gas shells. The unruly crowd targeted a police gypsy and burnt it, while assaulting a policeman and snatched his weapon. Manipur Police condemns such…
— Manipur Police (@manipur_police) September 27, 2023