जम्मू-कश्मीर ( Jammu and Kashmir) के राजौरी ( Rajouri ) में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरानभारतीय सेना (Indian Army ) के दो सैन्य अफ़सर समेत चार जवानों ने सर्वोच्च बलिदान दे दिया। सेना के अनुसार ऑपरेशन अभी जारी है। इसमें दो अधिकारियों समेत सेना के चार जवान शहीद हुए हैं। सेना के बयान में कहा गया है कि विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर 19 नवंबर 2023 को राजौरी जिले के कालाकोट क्षेत्र के गुलाबगढ़ जंगल में संयुक्त अभियान शुरू किया गया। 22 नवंबर को आतंकवादियों का पता चला और तीव्र गोलाबारी हुई। मुठभेड़ के दौरान ‘शहीद होने वालों में दो कैप्टन, एक हवलदार और एक जवान शामिल हैं।
राजौरी ( Rajouri ) इलाके में सेना को तैनात कर दिया गया है। 16 कोर कमांडर और राष्ट्रीय राइफल्स के रोमियो फोर्स कमांडर ऑपरेशन की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार, मुठभेड़ में सेना के दो कैप्टन और एक हवलदार बलिदान हो गए और एक जवान घायल है, जिन्हें इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया है। वहीं, इनके अलावा मेजर मेहरा घायल हुए हैं और उन्हें उधमपुर स्थित कमान अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बता दें कि उनके बाजू और सीने में गोलियां लगी हैं और उनकी हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है। सुरक्षाबलों ने यहां एक आतंकी को मार गिराया है।
मुठभेड़ में सेना कैप्टन एमवी प्रांजल – 63 आरआर/ सिग्नल,कैप्टन शुभम 9 पैरा (एसएफ),हवलदार माजिद, 9 पैरा (एसएफ)शहीद हो गए है।बलिदानी अफसरों में आगरा के कैप्टन शुभम गुप्ता भी शामिल है। शुभम गुप्ता जिला शासकीय अधिवक्ता बसंत गुप्ता के बेटे थे।
राजौरी ( Rajouri ) से करीब 70 किलोमीटर दूर कालाकोट के गुलाबगढ़ के जंगल में ग्रामीणों ने संदिग्ध देखे जाने की सूचना सुरक्षाबल को दी थी। इसके बाद सुबह नौ बजे सुरक्षाबलों ने जंगल में बाजीमल क्षेत्र में तलाशी अभियान छेड़ा।

सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय राइफल की टीम जंगल में बने एक कच्चे घर की तलाशी के लिए घुसी तो उसके निचले तल में पहले से छिपे आतंकियों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दी। इससे अभियान का नेतृत्व कर रहे सेना के कैप्टन मौके पर ही बलिदान हो गए।
इस घर में कई महिलाएं और बच्चे भी थे, जिन्हें सुरक्षित निकालना प्राथमिकता थी। इसके बाद सेना ने ऑपरेशन में पैरा कमांडो भी उतारे। पैरा कमांडो के आतंकियों के करीब पहुंचते ही उन्होंने फिर से गोलीबारी शुरू कर दी।
इस राजौरी ( Rajouri ) मुठभेड़ में आगरा के कैप्टन शुभम गुप्ता राजोरी के बाजीमाल इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में बलिदान हो गए। शुभम गुप्ता जिला शासकीय अधिवक्ता बसंत गुप्ता के बेटे थे। फौजी की वर्दी में बेटे को देखकर पिता बसंत गुप्ता का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता था। वह इस साल शुभम के सिर पर सेहरा सजाने की तैयारी कर रहे थे कि बेटे के बलिदान होने की खबर आ गई। छह महीने पहले बेटा शुभम परिवार से मिलने आगरा आया था।