Tuesday, October 08, 2024

Law, Rajasthan

Rajasthan :जयपुर नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर को राजस्थान हाई कोर्ट से बड़ी राहत,दूसरी बार निलंबन का आदेश किया रद्द

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक बार फिर )में हेरिटेज नगर निगम की निलंबित मेयर मुनेश गुर्जर (Mayor Munesh Gurjar )का निलंबन रद्द कर दिया है। जस्टिस अनूप ढंड की एकलपीठ ने निलंबन आदेश को रद्द करते हुए स्वायत्त शासन विभाग की जांच को दुर्भावनापूर्ण बताया। वहीं, एक महीने में फिर से जांच करने के निर्देश भी दिए।

मेयर मुनेश गुर्जर(Mayor Munesh Gurjar )के वकील विज्ञान शाह ने बताया- कोर्ट ने अपने आदेश में मेयर के खिलाफ की गई प्रारंभिक जांच को दुर्भावनापूर्ण माना है। हमने कोर्ट को बताया था कि जिस अधिकारी को सरकार ने पिछले निलंबन के दौरान कोर्ट में ओआईसी नियुक्त किया था। उसी को जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया गया। उसने मेयर को ऐसे आरोपों को लेकर नोटिस थमा दिया, जो उन पर लगे ही नहीं थे। वहीं, मेयर ने दस्तावेज प्राप्त करने के लिए जो अर्जी दी थी। उसे ही उनका जवाब मान लिया। ऐसे में मेयर को अपना पक्ष रखने का मौका ही नहीं दिया गया। दुर्भावनापूर्ण तरीके से उन्हें निलंबित कर दिया गया।

हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर (Mayor Munesh Gurjar )को 22 सितंबर के आदेश से दोबारा निलंबित करने के मामले में हाईकोर्ट में मंगलवार को बहस पूरी हो गई थी। कोर्ट ने मामले में फैसला बाद में देना तय किया था। जस्टिस अनूप कुमार ढंड ने यह निर्देश मुनेश गुर्जर की याचिका पर दिया था।

मुनेश की ओर से दलील देते हुए कहा गया था कि राज्य सरकार ने प्रार्थिया का निलंबन नगर पालिका अधिनियम, 2009 की धारा 39 के प्रावधानों व तथ्यों के विपरीत किया है। उसके खिलाफ जिन तथ्यों पर जांच हुई हैं, वे एफआईआर से ही साबित नहीं हो पाए थे। वहीं, मामले में जांच अधिकारी नियुक्त करने का आदेश डीएलबी निदेशक ने निकाला, जबकि ऐसा आदेश राज्यपाल के निर्देशों के तहत ही जारी हो सकता है। इसके अलावा रूल्स ऑफ बिजनेस के तहत मेयर से संबंधित किसी भी कार्रवाई के लिए सीएम से भी अनुमोदन जरूरी है, लेकिन उनका निलंबन व जांच की कार्रवाई स्वायत्त शासन मंत्री के आदेश पर की गई है।

जवाब में राज्य सरकार की दलील थी कि प्रार्थिया को जांच के बाद ही निलंबित किया है और उन पर रूल्स ऑफ बिजनेस बाध्यकारी नहीं है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद फैसला बाद में देना तय किया था।

हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद मेयरमुनेश गुर्जर (Mayor Munesh Gurjar )ने कहा कि मैं इस समय वैष्णो देवी आई हूं। मुझे भगवान पर पूरा भरोसा है। निर्दोष बताने के साथ घर से बरामद पैसे को परिवार की जमीन बेचने से जुड़ी राशि बताते हुए एसीबी के आरोपों को सिरे से नकार दिया था। इस जवाब को जांच में सही नहीं माना गया और मुनेश गुर्जर को प्राथमिक जांच में मेयर के पद के दुरुपयोग का दोषी माना। स्वायत्त शासन विभाग ने 22 सितंबर को मुनेश गुर्जर को हेरिटेज मेयर और पार्षद पदों से सस्पेंड कर दिया था। दोबारा निलंबन के आदेश के खिलाफ मुनेश गुर्जर ने 26 सितंबर को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

Jaba Upadhyay

Jaba Upadhyay is a senior journalist with experience of over 15 years. She has worked with Rajasthan Patrika Jaipur and currently works with The Pioneer, Hindi.