वाराणसी (Varanasi) स्थित ज्ञानवापी मस्जिद ( Gyanvapi Masjid ) परिसर की सर्वे रिपोर्ट भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की ओर से सोमवार को जिला जज की अदालत में सील बंद लिफाफे में दाखिल कर दी है। जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश ने 11 दिसंबर को सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था। रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में है। 21 दिसंबर को इस पर सुनवाई होगी।
एएसआई की पांच सदस्य टीम सोमवार को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच जिला जज कोर्ट पहुंची। यहां पर वादी और प्रतिवादी तथा दोनों पक्ष के वकीलों की मौजूदगी में एएसआई की टीम ने सर्वे रिपोर्ट पेश की।
एएसआई ने 1500 पेज की सर्वे रिपोर्ट पेश की है। बता दें कि इससे पहले एएसआई चार बार रिपोर्ट पेश करने की मोहलत मांग चुकी थी। लेकिन आज एएसआई ने कोर्ट में अपनी सर्वे रिपोर्ट पेश कर दी है। इस समय हिंदू और मुस्लिम दोनों ही पक्ष के पक्षकार कोर्ट में मौजूद थे ।
रिपोर्ट पेश करने से पहले मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में आवेदन देकर की थी। मांग की थी कि वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद ( Gyanvapi Masjid ) परिसर में हुए सर्वे की रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में एएसआई पेश करे। कहा है कि बगैर हलफनामे के किसी को भी रिपोर्ट सार्वजनिक करने की इजाजत न दी जाए।
एएसआई ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद ( Gyanvapi Masjid ) परिसर का यह पता लगाने के लिए वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया है कि क्या 17वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण वहां पहले से मौजूद किसी हिंदू मंदिर के ढांचे पर किया गया था?
यह भी बता दें कि सर्वे का काम 24 जुलाई से प्रारंभ हुआ था। इस दौरान बरसात समेत अन्य समस्याओं के चलते एएसआई के अधिकारियों द्वारा न्यायालय से समय मांगा गया और फिर अधीक्षण पुरातत्वविद् के अस्वस्थ हो जाने की वजह से भी रिपोर्ट न्यायालय में पेश करने में देरी हुई।
यह भी बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद ( Gyanvapi Masjid ) परिसर के सर्वे के दौरान एएसआई टीम को टूटी मूर्तियां, मिट्टी के बर्तन, चिह्न समेत करीब 250 अवशेष मिले थे। इन्हें डीएम की निगरानी में लॉकर में जमा कराया गया। इन सभी अवशेषों को भी कोर्ट में रखा गया है। अब इस मामले में 21 दिसंबर की तिथि नियत की गई है। एएसआई द्वारा सील बंद लिफाफे में रिपोर्ट दिए जाने के चलते रिपोर्ट में क्या दिया गया है इसके बारे में जानकारी सार्वजनिक नहीं हुई है।