Sunday, May 19, 2024

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Maharashtra: मराठा आरक्षण बिल महाराष्ट्र विधानसभा से पास, शिक्षा- नौकरियों में दस प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान 

 ( में शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में  10 प्रतिशत ( प्रदान करने वाला विधेयक मंगलवार को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानमंडल के एक दिवसीय विशेष सत्र के दौरान दोनों सदनों (विधानसभा और विधान परिषद) में महाराष्ट्र राज्य सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़ा विधेयक 2024 पेश किया जिसमें मराठों को 10 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है। विधेयक में यह भी प्रस्ताव किया गया है कि एक बार आरक्षण लागू हो जाने पर 10 साल बाद इसकी समीक्षा की जा सकती है।

विधानसभा में पास होने से पहले बिल पर कैबिनेट ने मुहर लगाई। मराठा आरक्षण बिल ( Maratha Reservation Bill )पारित होने से मराठाओं को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। राज्य में 52 प्रतिशत आरक्षण पहले से है। 10 प्रतिशत मराठा आरक्षण जुड़ने से रिजर्वेशन लिमिट 62 प्रतिशत हो जाएगी।

आरक्षण कोटा 50 प्रतिशत से ज्यादा होने से इस बिल को कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने मई 2021 में मराठा समुदाय को अलग से आरक्षण देने के फैसले को रद्द कर दिया था, क्योंकि रिजर्वेशन लिमिट 50 प्रतिशत से ऊपर हो गई थी।

मराठा समाज को दस फीसदी आरक्षण के लिए महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को आधार बनाया गया है। आयोग ने बीते शुक्रवार को मराठा समुदाय के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक पिछड़ेपन पर अपने सर्वेक्षण पर रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। यह रिपोर्ट लगभग 2.5 करोड़ परिवारों का सर्वेक्षण कर तैयार किया गया है। मंगलवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि राज्य में मराठा समुदाय की आबादी 28 प्रतिशत है। वहीं, कुल मराठा परिवारों में 21.22 फीसदी लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले हैं जिनके पास पीले राशन कार्ड हैं। जबकि गरीबी रेखा के नीचे सामान्य श्रेणी के परिवार 18.9 प्रतिशत हैं।

मराठा आरक्षण विधेयक ( Maratha Reservation Bill ) में कहा गया है कि मराठा परिवारों का प्रतिशत राज्य के औसत 17.4 प्रतिशत से अधिक है। महाराष्ट्र में आत्महत्या कर चुके किसानों में से 94 फीसदी मराठा परिवारों से थे। विधेयक के अनुसार, इस साल जनवरी और फरवरी के बीच किए गए राज्य सरकार के सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि मराठा समुदाय के 84 प्रतिशत परिवार उन्नत श्रेणी में नहीं आते हैं। खेती में कम आय, भूमि जोत में कमीं, कृषि से जुड़ी पारंपरिक प्रतिष्ठा में हानि और युवाओं में शैक्षणिक प्रशिक्षण की कमीं आदे के कारण मराठा समुदाय की आर्थिक स्थिति में गिरावट आई है। इसलिए वे इंदिरा साहनी मामले के अनुसार आरक्षण के लिए पात्र हैं।

इस बीच मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारांगे पाटिल  ने बिल को लेकर कहा कि इसमें मराठाओं की मांग को पूरा नहीं किया गया है। आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत के ऊपर हो जाएगी तो सुप्रीम कोर्ट इसे रद्द कर देगा। हमें ऐसा आरक्षण चाहिए जो ओबीसी कोटे से हो और 50 प्रतिशत के नीचे रहे।

जरांगे ने कहा- सरकार हमें मूर्ख न बनाए। अगर ओबीसी कोटे से मराठाओं को आरक्षण नहीं मिला तो हमारा आंदोलन और तेज होगा। विधानमंडल के विशेष सत्र में हमारी मांगों पर विचार हो रहा है या नहीं, हम देखेंगे। इसके बाद आंदोलन पर आगे फैसला करेंगे।जरांगे फिलहाल मराठा आरक्षण को लेकर जालना जिले में अपने पैतृक स्थान पर 10 फरवरी से अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं।

मराठा आरक्षण बिल महाराष्ट्र विधानसभा से पास, नौकरियों में  दस प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels