गोरखपुर (Gorakhpur ) जेल से मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में 20 साल से सजा काट रहे पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी ( Amarmani Tripathi ) और उनकी पत्नी मधुमणि शुक्रवार शाम करीब साढ़े 7 बजे रिहा हो गए। अमरमणि और उनकी पत्नी बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राइवेट वार्ड नंबर 16 में भर्ती थे। उनकी रिहाई का परवाना पहले जेल पहुंचा। फिर उसे लेकर जेलर खुद बीआरडी मेडिकल कॉलेज गए। जहां से दोनों को 25-25 लाख के मुचलके पर रिहा कर दिया गया। हालांकि रिहाई के बाद भी अभी पति-पत्नी अस्पताल में ही रहेंगे। रिहाई का आदेश लेकर गोरखपुर जेल अधीक्षक गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंचे।
आजीवन कारावास की सजा काट रहे अमरमणि त्रिपाठी की समय से पहले ही रिहाई का शासनादेश जारी हो गया है। अमरमणि त्रिपाठी को मधुमिता हत्याकांड में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। वह 23 सितंबर 2003 से जेल में बंद हैं। अमरमणि के अच्छे आचरण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कारागार प्रशासन और सुधार विभाग ने यह आदेश जारी किया है।
अमरमणि त्रिपाठी ( Amarmani Tripathi )की रिहाई के लिए डीएम दफ्तर में प्रपत्रों की जांच की गई। पांच बॉन्ड भरे गए। सभी 25 लाख रुपये मुचलके के हैं। इनमें अमनमणि त्रिपाठी, छोटी बहन अलंकृता त्रिपाठी, चचेरा भाई अनंत मणि त्रिपाठी, कृष्ण चंद्र त्रिपाठी और चाचा अजीत मणि त्रिपाठी के नाम के बॉन्ड डीएम दफ्तर में जमा किए गए। आरटीओ अधिकारी डीएम दफ्तर पर ही वैरिफिकेशन करवा गया। प्रक्रिया पूरी होने के बाद रिहाई का आदेश जारी हुआ।
इससे पहले सुबह सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी ( Amarmani Tripathi ) और उनकी पत्नी मधुमणि रिहाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। हालांकि, कोर्ट ने UP सरकार को नोटिस जारी कर 8 हफ्ते में जवाब मांगा है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही परिसर में मधुमिता की बहन निधि शुक्ला फूट-फूटकर रोने लगीं। मधुमिता के घर के बाहर पुलिसकर्मी भी तैनात कर दिया गया।
दूसरी तरफ, अमरमणि त्रिपाठी ( Amarmani Tripathi )की कर्मभूमि महाराजगंज के नौतनवा विधानसभा कार्यालय पर लोगों ने जमकर खुशी मनाई। इस दौरान एक-दूसरे को मिठाई खिलाने के साथ ही आतिशबाजी भी की गई। कार्यकर्ताओं ने कहा, ”पूर्वांचल का शेर आ रहा है। अब एक बार फिर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो जाएंगी।”
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने अमरमणि त्रिपाठी ( Amarmani Tripathi )के रिहाई वाले आदेश पर कहा कि इस क्राइम में शामिल लोगों को जेल से बाहर नहीं आना चाहिए। इससे समाज में गलत संदेश जाएगा। बीजेपी सिर्फ बेटी बचाओ का नारा देती है। असल में ये सब गुनहगार हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। ताकि ऐसी घटनाएं न हो।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों जेल में अच्छा आचरण करने वाले कैदियों की रिहाई पर विचार करने को राज्य सरकार को सलाह दी थी। इसके बाद अमरमणि ने अपनी रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सरकार को 10 फरवरी 2023 को रिहाई का आदेश दिया था। आदेश का पालन नहीं होने पर फिर अमरमणि की ओर से अवमानना याचिका दायर की गई।
VIDEO | “This is a blessing of the almighty. We had been waiting for this since last 20 years. We have been waiting for our father and mother. Our whole family is very happy,” says Amanmani Tripathi, son of former UP minister Amarmani Tripathi on the release of his father and… pic.twitter.com/CejiJ1dilD
— Press Trust of India (@PTI_News) August 25, 2023
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